यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि 5 सेमेस्टर होने के बावजूद सफूरा ने अपनी M.Phil की थीसिस सबमिट नहीं की. अब छात्र पोस्टर-बैनर लेकर उनके समर्थन में नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन के लिए उतरे हैं. छात्रों ने यूनिवर्सिटी से सफूरा का एडमिशन बहाल करने की मांग की.
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नई दिल्ली: दिल्ली में हुए दंगों की आरोपी और एक्टिविस्ट सफूरा जरगर का एडमिशन रद्द किए जाने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने आज विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान इन छात्रों ने भड़काऊ नारे भी लगाए. सफूरा जरगर फरवरी 2020 में राजधानी में हुए दंगों में आरोपी बनाई गई थीं. वह फिलहाल जमानत पर हैं. गर्भवती होने के कारण मानवीय आधार पर अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी.
जामिया के छात्रों ने प्रदर्शन के दौरान ‘RSS की कब्र खुदेगी, जामिया की धरती पर’ और ‘ABVP की कब्र खुदेगी, जामिया की धरती पर’ जैसे भड़काऊ नारे भी लगाए. दरअसल अपनी थीसिस पूरा नहीं करने के चलते और इसमें कोई प्रगति नहीं देखते हुए जामिया ने उनका एडमिशन रद्द कर दिया था.
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यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि 5 सेमेस्टर होने के बावजूद सफूरा ने अपनी M.Phil की थीसिस सबमिट नहीं की. अब छात्र पोस्टर-बैनर लेकर उनके समर्थन में नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन के लिए उतरे हैं. छात्रों ने यूनिवर्सिटी से सफूरा का एडमिशन बहाल करने की मांग की.
सफूरा जरगर ने सोशियोलॉजी विभाग में एडमिशन ले रखा था. जामिया ने कहा था कि उनके प्रोजेक्ट सुपरवाइजर को उनकी रिपोर्ट संतोषजनक नहीं लगी. साथ ही उन्होंने एक्सटेंशन के लिए भी अप्लाई नहीं किया था. कोरोना के कारण उन्हें एक अतिरिक्त छठा सेमेस्टर भी दिया गया था, जो 6 फरवरी 2022 को ही खत्म हो चुका है. गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत बुक की जा चुकीं सफूरा जरगर को CAA विरोधी दंगों के बाद अप्रैल 2020 में गिरफ्तार किया गया था.