Noida News: प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला के लिए नर्स बनी भगवान, बीच सड़क पर कराई डिलेवरी
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Noida News: प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला के लिए नर्स बनी भगवान, बीच सड़क पर कराई डिलेवरी

परीचौक पर एक महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी और उसका पति लोगों से मदद की गुहार लगा रहा था. तभी ड्यूटी पर जा रही शारदा अस्पताल की नर्स रेनू और ज्योति ने महिला की वहीं पर सकुशल डिलीवरी करवाकर बच्चे और मां की जान बचा ली है.  महिला सुबह में डिलीवरी के लिए अस्पताल जा रही थी.  

Noida News: प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला के लिए नर्स बनी भगवान, बीच सड़क पर कराई डिलेवरी

Noida News: भगवान किस रूप में आ जाए आपको पता नही होता. ऐसा ही परीचौक पर प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला के साथ हुआ है. वहां से ड्यूटी पर जा रही शारदा अस्पताल की नर्स रेनू और ज्योति ने वहीं पर महिला की सकुशल डिलीवरी करवाकर बच्चे और मां की जान बचाकर भगवान के रूप में दर्शन दिया है. वहीं अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है, अब दोनों स्वस्थ हैं. जल्द ही दोनों को छुट्टी मिल जाएगी. डायरेक्टर पीआर डॉ अजीत कुमार ने बताया कि इस मानवीय कार्य के लिए दोनों नर्स को 5100 व 5100 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा. अस्पताल में महिला और बच्चे का निशुल्क इलाज किया जाएगा. 

परीचौक पर करवाई महिला की डिलीवरी 
शारदा अस्पताल की नर्स रेनू ने बताया कि वो कासना से ड्यूटी पर जा रही थी. जैसे ही वो परीचौक पर ऑटो से उतरी तो महिला रोशनी सड़क पर लेटी हुई थी और उनके पति प्रशांत लोगों से मदद की गुहार लगा रहे थे. मैं जैसे ही वहां पहुंची तो महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी. मैंने जैसे ही अपनी साथी नर्स ज्योति को फोन किया वो भी वहां जल्दी से आ गई. हमने लोगों से कहा कि हम शारदा अस्पताल में नर्स हैं. पहले महिला को अपनी शॉल कवर किया, उसके बाद हम दोनों ने महिला की नॉर्मल डिलीवरी करवा दी, उसके तुरंत बाद बच्चे को अपनी जैकेट में लपेटा और ऑटो बुक करके अस्पताल ले गए और उसे भर्ती करवाया. 

डिलीवरी के बाद नर्सों ने किया था फोन 
शारदा अस्पताल की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रुचि श्रीवास्तव ने बताया कि हमारी नर्सों ने डिलीवरी के बाद अस्पताल में फोन कर दिया. जैसे ही वो महिला और बच्चे को लेकर आए तो तुरंत हमने इलाज शुरू कर दिया. बच्चे का वजन करीब 2.50 किलो है. वहीं महिला का यह दूसरा बच्चा है और दोनों स्वस्थ हैं. इनका इलाज कासना स्थित एक अस्पताल में चल रहा था, लेकिन उन्होंने सिजेरियन बच्चे होने की बात कही तो वो वहां से अपने घर लुक्सर चली गई. सुबह उनको लेबर पेन शुरू हुआ तो वह अपने घर से निकल गई और जैसे ही परीचौक पहुंची वहां सड़क पर गिर गई. हमारी नर्सों ने जो काम किया है इसको लेकर सभी को उन पर गर्व है. 

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शारदा अस्पताल में एडमिट महिला रोशनी ने कहा कि दोनों नर्स मेरे लिए देवी के रूप में आईं थी. उन दोनों ने मुझे व मेरे बच्चे की जान बचाकर मुझपर एहसान किया है. जो मैं बातों में बयां नहीं कर सकती. पति प्रशांत ने कहा कि मैं वहां सबसे मदद मांगता रहा, लेकिन कोई आगे नहीं आया. नर्स रेनू और ज्योति ने जो किया है इसका अहसान मैं कभी नही उतार सकता हूं. 

Input- Vijay Kumar

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