एसयूपी प्रतिबंध: 10 जुलाई तक चेतावनी इसके बाद हो सकती है 5 साल की जेल, 1 लाख जुर्माना
एसयूपी वस्तुओं पर प्रतिबंध के उल्लंघन की शिकायत दर्ज करने के लिए ग्रीन दिल्ली मोबाइल एप्लिकेशन शुरू किया गया है. वहीं पर्यावरण विभाग ग्रीन वार रूम के माध्यम से प्रतिबंध के कार्यान्वयन की निगरानी करेगा.
नई दिल्ली : पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा है कि दिल्ली सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) से बनी 19 वस्तुओं पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाली इकाइयों को 10 जुलाई तक चेतावनी नोटिस जारी करेगी. इसके बाद नियम की अनदेखी करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या 5 साल तक की जेल या दोनों हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार एसयूपी वस्तुओं के उपयोग के खिलाफ जागरूकता पैदा करने और लोगों को उनके विकल्प प्रदान करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता देगी.
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दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने पहले 30 जून तक पैकेजिंग फिल्मों और प्लास्टिक कटलरी सहित प्रतिबंधित वस्तुओं पर रोक लगाने के लिए SUP वस्तुओं के निर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं और वितरकों को सख्त निर्देश जारी किए थे. गोपाल राय ने कहा, कई लोगों का मानना है कि डीपीसीसी, राजस्व विभाग और एमसीडी की टीमों के गठन, जुर्माना लगाने और दोषी इकाइयों को बंद करने से प्रतिबंध सफल हो जाएगा. हमारी सरकार अलग तरह से सोचती है. हमारा उद्देश्य प्रतिबंध लागू करने से पहले लोगों को विकल्प प्रदान करना है.
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गोपाल राय ने यहां त्यागराज स्टेडियम में एसयूपी वस्तुओं के विकल्प को बढ़ावा देने के लिए तीन दिवसीय मेले की शुरुआत करते हुए कहा कि प्रतिबंध लगाए जाने संबंधी फैसला उस समय लागू किया गया है, जब बेरोजगारी दर अधिक है और इस फैसले से एसयूपी वस्तुओं के निर्माता, वितरक और विक्रेता प्रभावित हो सकते हैं.
उन्होंने कहा, बहुत से लोगों के लिए अपना गुजारा करना मुश्किल होगा और ये लोग हमारे अपने लोग हैं. उन्होंने कहा कि डीपीसीसी, राजस्व विभाग और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की टीम निरीक्षण करेंगी और 10 जुलाई तक प्रतिबंध का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ चेतावनी नोटिस जारी करेंगी. राजस्व विभाग और डीपीसीसी ने प्रतिबंध को लागू कराने के लिए क्रमशः 33 और 15 टीमों का गठन किया है. एमसीडी और अन्य शहरी स्थानीय निकाय अपने उपनियमों के अनुसार चूक करने वाली इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जबकि राजस्व विभाग पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगा.
शिकायतों के लिए बना ग्रीन वार रूम
एक अधिकारी ने कहा कि पर्यावरण विभाग ‘ग्रीन वार रूम’ के माध्यम से प्रतिबंध के कार्यान्वयन की निगरानी करेगा. ‘‘ग्रीन वार रूम’’ अक्टूबर 2020 में वायु प्रदूषण के स्तर पर नजर रखने और संबंधित शिकायतों को दूर करने के लिए स्थापित किया गया था. एसयूपी वस्तुओं पर प्रतिबंध के उल्लंघन की शिकायत दर्ज करने के लिए ‘ग्रीन दिल्ली’ मोबाइल एप्लिकेशन शुरू किया गया है.
प्रतिदिन होता है 1,060 टन प्लास्टिक कचरा
दिल्ली में प्रतिदिन 1,060 टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है. राजधानी में कुल ठोस कचरे का 5.6 प्रतिशत (या 56 किलो प्रति मीट्रिक टन) एकल उपयोग प्लास्टिक होने का अनुमान है. पिछले साल 12 अगस्त को मंत्रालय ने एक जुलाई, 2022 से पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल) के तहत पहचानी गई एसयूपी वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगाने के लिए एक अधिसूचना जारी की थी.
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