Swachh Survekshan 2023: स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में दिल्ली का बेहतर प्रदर्शन, 10 लाख से अधिक आबादी वाले निगम में 28वीं रैंक
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Swachh Survekshan 2023: स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में दिल्ली का बेहतर प्रदर्शन, 10 लाख से अधिक आबादी वाले निगम में 28वीं रैंक

Swachh Survekshan 2023: स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में दिल्ली नगर निगम की रैंकिंग में सुधार हुआ है. 10 लाख से अधिक आबादी वाले निगम में दिल्ली को 28वीं रैंक प्राप्त हुई है.वहीं दिल्ली नगर निगम की स्वच्छता रैंकिंग कई बड़े शहरों से बेहतर रही.

Swachh Survekshan 2023: स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में दिल्ली का बेहतर प्रदर्शन, 10 लाख से अधिक आबादी वाले निगम में 28वीं रैंक

Swachh Survekshan 2023: देश के साफ शहरों की लिस्ट में इंदौर ने एक बार फिर अपना परचम लहराया है. इंदौर लगातार सातवीं बार देश का सबसे साफ शहर बना तो वहीं सूरत दूसरे नंबर पर रहा. वहीं राजधानी दिल्ली में भी इस साल स्वच्छता रैंकिग में सुधार आया है. 10 लाख से अधिक आबादी वाले निगम को 28वीं रैंक प्राप्त हुई है. जबकि स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की रिपोर्ट को मुताबिक नॉर्थ एमसीडी 37वें, ईस्ट एमसीडी 31वें और साउथ एमसीडी 28वें स्थान पर रहा था. ऐसे में पिछले साल के आंकड़ों से साफ पता चलता है कि MCD ने इस साल सफाई व्यवस्था में काफी सुधार किया है. 

10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में दिल्ली नगर निगम ने बेहतर प्रदर्शन किया है, 10 लाख से अधिक आबादी वाले निगम में दिल्ली को 28वीं रैंक प्राप्त हुई है.वहीं दिल्ली नगर निगम की स्वच्छता रैंकिंग कई बड़े शहरों से बेहतर रही. दिल्ली नगर निगम ने स्वच्छता के मामले में चेन्नई, कोलकत्ता, बैंगलोर जैसे शहरों से बेहतर प्रदर्शन किया है.

MCD को मिले 15 फीसदी अधिक अंक
वहीं अगर हम अंकों की बात करें तो पिछली बार के मुकाबले स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार एमसीडी को 15 फीसदी अधिक अंक मिले हैं. पिछले साल एमसीडी को 7,500 में से 3,784 यानी 50.45 फीसदी अंक मिले थे. इस बार अंको में इजाफा हुआ है MCD को 9,500 में से 6,114 यानि 64.36 फीसदी अंक मिले हैं. यानी MCD की सफाई व्यवस्था में 15 फीसदी तक सुधार हुआ है. 

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BJP के समय की स्थिति
भाजपा के कार्यकाल में दिल्ली नगर निगम के हालात बेहद खराब थे. साल 2017 की स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में 1 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की सूची में साउथ एमसीडी 202, नॉर्थ एमसीडी 279, ईस्ट एमसीडी 196 नंबर पर थी. वहीं 2018 में साउथ एमसीडी 132, नॉर्थ एमसीडी 206, ईस्ट एमसीडी 341वें नंबर पर रही. 2019 में साउथ एमसीडी 138, नॉर्थ एमसीडी 282, ईस्ट एमसीडी 240वें स्थान पर थी।. इसके अलावा 2022 में भी औसतन रैंकिंग 120 से अधिक थी, जिसमें इस साल सुधार आया है. 2021 में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की सूची में साउथ एमसीडी 31, ईस्ट एमसीडी 40 और नॉर्थ एमसीडी 45वें नंबर पर थी.

विशेषज्ञों ने भी 28वीं रैंक पर लगाई मुहर
एमसीडी से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि एक लाख से अधिक आबादी के शहरों में दिल्ली की रैंकिंग 90 है, लेकिन इससे दिल्ली की सफाई व्यवस्था में सुधार की तुलना हो पाना संभव नहीं है. क्योंकि स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में एक लाख से 10 लाख की आबादी वाले शहरों और 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों की रैंकिंग अलग-अलग जारी की गई थी. ऐसे में 2022 में दिल्ली 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की सर्वेक्षण सूची में शामिल था. एक लाख से 10 लाख आबादी वाले शहरों की सूची में दिल्ली शामिल नहीं था. लेकिन इस बार 1 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में दिल्ली को शामिल कर लिया गया है, इस वजह से 90वीं रैंक सही नहीं है.

ऐसे में एमसीडी की 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की रैंकिंग से ही एमसीडी की तुलना करनी होगी. पिछले साल 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के स्वच्छता सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ एमसीडी 37वें, ईस्ट एमसीडी की 31वें और साउथ एमसीडी 28वें स्थान पर थी. वहीं इस बार दिल्ली इसी श्रेणी में 28वें स्थान पर है. यानी दिल्ली की 28वीं रैंक ही असली रैकिंग है. 

NDMC की रैंकिंग हुई खराब
दिल्ली नगर निगम की रैंकिंग में सुधार हुआ है वहीं एनडीएमसी की रैंकिंग में गिरावट आई है. इस बार 1 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की सूची में एनडीएमसी 446 में 7वें स्थान पर रहा है. वहीं पिछले साल 1 लाख से 10 लाख आबादी वाले शहरों की सूची में 382 शहरों में तीसरे स्थान पर रहा था. ऐसे में एनडीएमसी की रैंकिंग में 4 स्थान की गिरावट आई है तो एमसीडी की रैंकिंग में 9 स्थान तक का उछाल आया है.

आम आदमी पार्टी की निगम सरकार की मेहनत रंग ला रही है. निगम में अभी तक आम आदमी पार्टी की सरकार को लगभग एक साल का समय हुआ है, इस थोड़े से समय में रैंकिंग में बड़ा सुधार देखने को मिला है. दिल्ली की 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 28वीं रैंक रही है. वहीं पिछले साल के मुकाबले सफाई व्यवस्था में 15 फीसदी अधिक अंक मिले हैं.