Delhi sainik farm: दिल्ली के सैनिक फार्म इलाके में अभी हाल ही में तेंदुआ देखे जाने के बाद हड़कंप मच गया था. पुलिस और वन विभाग की कई टीमें इसकी खोज के लिए लगाई गई थीं, लेकिन  6 दिन तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बावजूद तेंदुए का कोई सुराग नही लगा. बाद में ऑपरेशन को बंद कर दिया गया, जिसके बाद से स्थानीय लोगों के मन में अब भी डर बना हुआ है. इसी बीच वन्य जीव वैज्ञानिक डॉ फैयाज खुदसर ने बताया कि लोगों को  तेंदुए से डरने की जगह ऐहतियात बरतने की जरूरत है.


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राजधानी दिल्ली के सैनिक फार्म हाउस में पिछले दिनों देखा गया तेंदुआ अब तक पकड़ा नहीं गया है. इसको लेकर आसपास के लोग भी डरे हुए हैं कि कहीं तेंदुआ दोबारा से रिहायशी इलाके के आसपास ना पहुंचे और किसी को नुकसान न पहुंचा दे. जी मीडिया ने जब इस बारे में वन्य जीव वैज्ञानिक डॉ फैयाज खुदसर से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि यह डरने की नहीं, बल्कि खुशी की बात है. तेंदुआ जो की ग्रीनरी और प्राकृतिक जगह से आकर्षित होकर सैनिक फार्म हाउस के आसपास देखा गया और जहां तक संभावना है कि वह अब वापस वहीं चला गया, जहां से वह आया था, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी भी परिस्थिति में तेंदुआ आसपास दिखाई भी देता है तो डरने की नहीं, बल्कि ऐहतियात बरतने ने की जरूरत है. तेंदुआ को देखकर भागने से वह डर के कारण आक्रामक हो सकता है. ऐसे में तेंदुए को देखकर कभी तुरंत भागना नहीं चाहिए, बल्कि समय और मौका देखकर वहां से हटाने की कोशिश करनी चाहिए.


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राजधानी दिल्ली में पहले भी कई बार तेंदुए को देखा गया लेकिन कभी भी तेंदुआ ने किसी इंसान पर हमला नहीं किया. कुछ साल पहले दिल्ली के यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में तेंदुआ आया 20 दिन रहा और आखिरकार उसको पकड़ के दोबारा सहारनपुर वापस छोड़ दिया गया. इसी तरीके से सैनिक फार्म हाउस में भी तेंदुए को देखा गया, लेकिन उसने किसी इंसान पर हमला नहीं किया. वैज्ञानिक भी बताते हैं कि लेपर्ड यानी तेंदुआ किसी इंसान पर हमला नहीं करता बल्कि ज्यादातर छोटे जानवरों से अपना पेट भरता है और फिर वापस चला जाता है.
इनपुट: नसीम अहमद