Vijay Colony Chaupal: 30 साल पुराना चौपाल बना कबाड़, प्रशासन बेसुध
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Vijay Colony Chaupal: 30 साल पुराना चौपाल बना कबाड़, प्रशासन बेसुध

अब यहां के लोगों को हादसों का डर सता रहा है. उनके छोटे मासूम बच्चे इस चौपाल के नीचे खेलते हैं उन्हें डर है कि कहीं कोई मासूम बच्चा हादसे का शिकार न हो जाय, क्योंकि यह चौपाल धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रही है. इस चौपाल का लेंटर लगभग टूट चुका है.

Vijay Colony Chaupal: 30 साल पुराना चौपाल बना कबाड़, प्रशासन बेसुध

Vijay Colony Chaupal: विजय नगर स्थित चौपाल इन दिनों भैंसों के तबेले में तब्दील हो गया है. इस बारात घर में कभी लोग आराम करते थे, लेकिन आज स्थिति बदतर हो गई है. स्थानीय लोगों के मुताबिक प्रशासन भी इसकी कोई खबर नहीं ले रहा है. चौपाल का हालत काफी खराब हो गया है. यह चौपाल एक ग्रामीण चौपाल है विजय कॉलोनी में करीब 30 साल पहले इस चौपाल को बनाकर तैयार किया गया था. यहां के स्थानीय लोगों का कहना है उसके बाद आज तक इसमें कोई भी मरम्मत का कार्य नहीं हुआ. लोगों के अनुसार धीरे-धीरे यह चौपाल एक खंडहर में तब्दील हो गया है. रात के समय यहां असामाजिक तत्वों का ठिकाना और दिन में भैंसों का तबेला बना रहता है. इस चौपाल में पहले कभी बड़े बुजुर्ग बैठकर आराम किया करते थे. वहीं गरीब गुरबा लोग इस चौपाल को बरात घर के रूप में शादी विवाह समारोह के लिए इस्तेमाल किया करते थे. 

सता रहा हादसे का डर
अब यहां के लोगों को हादसों का डर सता रहा है. उनके छोटे मासूम बच्चे इस चौपाल के नीचे खेलते हैं उन्हें डर है कि कहीं कोई मासूम बच्चा हादसे का शिकार न हो जाय, क्योंकि यह चौपाल धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रही है. इस चौपाल का लेंटर लगभग टूट चुका है. वहीं, दीवारों पर लगे पत्थर भी अब टूट टूट कर नीचे गिर रहे हैं. यहां दिन प्रतिदिन हादसों का खतरा मंडरा रहा है. स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी शिकायत भी की लेकिन शासन-प्रशासन व स्थानीय निगम पार्षद विधायक की तरफ से जनता को सिर्फ आश्वासन के सिवा और कुछ नहीं मिला.

ढहती जा रही है चौपाल
यह चौपाल अब दिन के समय आवारा पशुओं का तबेला और रात को असामाजिक तत्वों का ठिकाना बनती जा रही है, जिसके चलते यहां रहने वाले लोग अब बेहद ही परेशान हैं. वहीं चौपाल के चारो तरफ फैली गंदगी से निकलती दुर्घन्ध के चलते यहां के लोग बहुत परेशान हो रहे हैं. कई बार इस चौपाल को बनाने के लिए नपाई भी की गयी और कई बार इसके उद्घाटन भी हुए लेकिन यहाँ के स्थानीय लोगों की तकदीर और चौपाल की तस्वीर आज तक नहीं बदली.