Chandigarh News: चंडीगढ़ में 1 जून को मतदान होना है. चुनाव में BJP के उम्मीदवार संजय टंडन, कांग्रेस और AAP के सांझा उम्मीदवार मनीष तिवारी के बीच सीधी टक्कर है. वहीं दोनों उम्मीदवारों की सीधी टक्कर को लेकर चंडीगढ़ के लोगों का क्या कहना है. आखिर किसी पलड़ा ज्यादा भारी लग रहा है. यहां के उम्मीदवारों को लेकर लोगों का कहना है कि वे उसी उम्मीदवार को वोट देंगे जिसकी सरकार केंद्र में होगी. यानी अगर केंद्र में भाजपा की सरकार आ रही है तो चंडीगढ़ में भी भाजपा उम्मीदवार को वोट देंगे. चंडीगढ़ के काम तभी हो सकते हैं अगर यहां से कोई दूसरी पार्टी का उम्मीदवार सांसद बनता है तो चंडीगढ़ में वह उतने विकास कार्य न करवा पाए. 


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PM ने सिखों के लिए किए हैं बहुत सारे काम 
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर क्षेत्र में देश को आगे बढ़ाया है. जो कांग्रेस नहीं अब तक नहीं कर सकी है. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में सिख समाज से भी बहुत से मतदाता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिख समाज का हमेशा ही सम्मान किया है. चाहे करतारपुर कॉरिडोर कॉमेडी हो या अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब को सम्मान पूर्वक वापस लाने का वादा हो.वीर बाल दिवस की घोषणा करना हो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा ही सिखों के हक की बात की है. उनका सम्मान किया है उन्होंने किसान आंदोलन के बाद गुरु पर्व के मौके पर कानून को वापस किया था. यह भी सिखों के लिए सम्मान की बात है. जो लोग सिखों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करते हैं वह सिर्फ अपनी राजनीति के लिए ऐसा करते हैं. 


आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के सांझा उम्मीदवार मनीष तिवारी को लेकर उन्होंने कहा कि मनीष तिवारी की चंडीगढ़ में कोई हवा नहीं है. मनीष तिवारी बाहरी उम्मीदवार हैं. जो चंडीगढ़ की समस्याओं को नहीं समझते हैं. AAP और कांग्रेस पंजाब में अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों पार्टियां पंजाब में एक दूसरे के नेताओं को गाली देते हैं और चंडीगढ़ आकर एक दूसरे के समर्थन की बात करते हैं. लोग इन सब बातों को अच्छी तरह से समझते हैं. चंडीगढ़ में भी दोनों पार्टियों के बीच कोई समर्थन नहीं है सिर्फ दिखावा है. 


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इन लोगों को कहना था कि अगर गठबंधन की ओर से मनीष तिवारी की जगह पवन बंसल उम्मीदवार होते तो मुकाबला कड़ा हो सकता था, क्योंकि पवन बंसल चंडीगढ़ के पुराने राजनेता हैं. वह चंडीगढ़ की समस्याओं को भली-भांति समझते हैं.‌ उन्होंने अपनी सारी राजनीति चंडीगढ़ में रहकर की है. इसलिए अगर वह उम्मीदवार होते तो भाजपा उम्मीदवार को कड़ी टक्कर मिलती, लेकिन फिलहाल मनीष तिवारी मुकाबले में नहीं हैं. 


Input- VIJAY RANA