faridabad fan blade surgery: डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होते हैं, इसी बात का जीता-जागता उदाहरण फरीदाबाद में देखने को मिला है, जहां जिंदगी और मौत से जूझ रहे बच्चे के लिए डॉक्टर भगवान बनकर आएं. फरीदाबाद के फोर्टिस एस्कॉर्टस अस्पताल में एक अनोखा केस सामने आया, जहां एक दो साल का बच्चा फर्राटा पंखे के पास खेल रहा था. तभी अचानक पंखा उसके ऊपर आ गिरा और बच्चे के सिर में तकरीबन 30 सेंटीमीटर लंबा पंखे का ब्लेड घुस गया. ब्लेड 3 सेंटीमीटर तक अंदर जाकर ब्रेन तक पहुंच गया था, जिसे डॉक्टरों ने तीन घंटे की गंभीर सर्जरी के बाद बाहर निकाला.


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3 घंटों की कड़ी मेहनत से लौट आई मासूम की जिंदगी


न्यूरोसर्जन डॉ नीतीश अग्रवाल के मुताबिक बच्चा जब अस्पताल लाया गया तो वह होश में था लेकिन ब्रेन में मौजूद फ्लूइड यानी तरल पदार्थ कट वाली जगह से बाहर रिस रहा था. उन्होंने कहा कि अगर ब्लेड को सीधा निकालते तो बच्चे की स्पीच यानी आवाज जा सकती थी और खून भी बह सकता था. लिहाजा ब्रेन के बाएं हिस्से में जहां ब्लेड घुसा था, उसी ब्लेड की परिधि के आसपास की हड्डी को ड्रिल करके काटा गया. इसके बाद सर्जरी के 7 दिन तक बच्चे को इंफेक्शन से बचाने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी गई और इस दौरान बच्चा आईसीयू में था. फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों के लिए ये केस इतना भी आसान नहीं था लेकिन सही समय पर इलाज मिलने की वजह से मासूम की जिंदगी बच गई.


सावधानी पूर्वक सर्जरी को दिया अंजाम


डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की आवाज जाने के साथ-साथ उसके दिमाग में इंफेक्शन भी हो सकता था जिसकी वजह से उसकी जान पर आ सकती थी. इसके अलावा अगर मासूम के ब्रेन में खून का थक्का जम जाता तो इंफेक्शन बढ़ सकता था. इस खतरे को कम करने के लिए डॉक्टरों ने सर्जरी को बहुत सावधानी पूर्वक अंजाम दिया. फरीदाबाद के फोर्टिस एस्कॉर्टस अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि बच्चे की कम उम्र ने सर्जरी को और ज्यादा चुनौतीपूर्ण बना दिया था.


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