DNA ANALYSIS: नींद से देश की GDP का है कनेक्शन, रिपोर्ट्स में दावा
भारत के लोगों की नींद पहले से ही कम है. कोरोना की वजह से वर्ष 2020 में आर्थिक और सामाजिक स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई है. इस स्थिति का असर नींद पर सबसे ज्यादा पड़ रहा है. कम नींद लेना आपके स्वास्थ्य को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है. नींद की कमी के कारण डायबिटीज (Diabetes), हार्ट अटैक (Heart Attack) और मोटापे का शिकार होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है.
नई दिल्ली: नींद हर 24 घंटे में आने वाला वो समय है, जब आपका शरीर खुद को रिचार्ज करता है. इस दौरान शरीर शिथिल हो जाता है, मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं, सांस धीमी चलने लगती है और दिल की धड़कन भी कम हो जाती है.
हालांकि नींद के दौरान दिमाग काम करना बंद नहीं करता, बल्कि ज्यादा सक्रिय हो जाता है. दिमाग में जमा हुई बेकार की सूचनाओं को डिलीट कर देता है. इससे हमारी मेमोरी (Memory) में स्पेस (Space) बढ़ जाता है. कुछ सीखने और जानने की क्षमता बढ़ जाती है. भरपूर नींद लेने से आपके दिमाग को शांति मिलती है और शरीर किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए ज्यादा मजबूत हो जाता है.
नींद का सबसे बड़ा दुश्मन कौन?
तनाव (Depression) नींद (Sleep) का सबसे बड़ा दुश्मन है. इसकी सबसे सटीक पहचान ये है कि अगर आप सोने के लिए बिस्तर पर जाएं और आधे घंटे बाद भी नींद न आए तो समझ लीजिए कि तनाव ने आपकी नींद छीन ली है. कम नींद के मामले में भारत के लोग दुनिया में दूसरे नंबर पर हैं और पहले नंबर पर जापान है. इस कमी की एक वजह हम खुद भी हैं.
नींद पर हुए सर्वे में ये भी पता चला है कि मोबाइल फोन आपको सोने नहीं देता है. हर 10 में से 9 भारतीय सोने से पहले अपना मोबाइल फोन चेक करते हैं और 3 लोगों ने माना कि इन Gadgets से दूरी उनके जीवन को बेहतर बना सकती है. मोबाइल फोन की नीली लाइट (Blue Light) को आपका दिमाग दिन के उजाले की तरह पढ़ता है और शरीर में नींद तोड़ने का अलर्ट भेज देता है, जिसकी वजह से आपकी नींद खराब हो जाती है.
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बदलते दौर में कम सोकर फिट दिखना एक फैशन बनता जा रहा है. कामयाब लोगों की कम नींद लेने की कहानियां सुनने वाले लोग अब नींद को वक्त की बर्बादी कहते हैं. भारत में भी एक पुरानी कहावत है कि 'जो सोवत है वो खोवत है'. यानी जो सोता है वो जीवन में तमाम अच्छे अवसर खो देता है. लेकिन सच ये है कि नींद की कमी आपके जीवन को गंभीर संकट में डाल सकती है.
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नींद में कमी क्यों?
भारत के लोगों की नींद पहले से ही कम है. कोरोना की वजह से वर्ष 2020 में आर्थिक और सामाजिक स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई है. इस स्थिति का असर नींद पर सबसे ज्यादा पड़ रहा है. कम नींद लेना आपके स्वास्थ्य को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है. नींद की कमी के कारण डायबिटीज (Diabetes), हार्ट अटैक (Heart Attack) और मोटापे का शिकार होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है.
दुनिया के 5 बड़े देशों अमेरिका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और जापान पर हुई एक रिसर्च के मुताबिक, पूरी नींद लेने से लोगों का स्वास्थ्य और देश की अर्थव्यवस्था दोनों में सुधार आ सकता है. कम नींद लेने की वजह से कर्मचारियों की कार्य कुशलता में कमी आती है और जब देश के लोग कम सोते हैं तो सिर्फ इन 5 देशों की GDP को ही लगभग 48 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है.
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इसका मतलब है कि आप अगर ठीक से सोते हैं तो आपकी हेल्थ और देश की अर्थव्यवस्था दोनों अच्छी रहती हैं. हालांकि सबके लिए नींद की जरूरत अलग-अलग हैं.
जन्म के बाद 3 महीने तक बच्चा दिन में करीब 20 घंटे सोता है. किशोरावस्था में 10 घंटे तक सोते हैं. ऑफिस में काम करने की उम्र आते-आते, सोने का वक्त घटकर 7 से 9 घंटे रह जाता है और 60 साल की उम्र के बाद एक व्यक्ति को औसतन 6 से 7 घंटे की नींद जरूरी होती है. लेकिन अफसोस की बात ये है कि लोग अपनी जरूरत के मुताबिक नींद नहीं ले पाते हैं.
हालांकि सभी लोगों की नींद कम नहीं हुई है. कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पहले से ज्यादा देर तक सो रहे हैं. वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) के बाद से नौकरी करने वाले लोगों को अब घर से ऑफिस नहीं जाना होता है. इस बचे हुए समय का सही इस्तेमाल हो सकता है. लेकिन कई लोग अब जरूरत से ज्यादा नींद लेते हैं. इसकी वजह से शरीर में रक्त का प्रवाह धीमा हो जाता है, जिसके बाद दिल की बीमारियां और यहां तक कि मौत का खतरा भी बढ़ जाता है.
नींद प्रकृति का वरदान है और अगर आप नींद से समझौता कर रहे हैं, तो आप कुदरत से छेड़छाड़ कर रहे हैं. कम नींद लेना बीमारियों का अलार्म है, इसलिए आपको अच्छी, गहरी और लंबी नींद लेने की आदत डालनी चाहिए.
24 घंटे और सातों दिन काम में लगे रहने वाली जीवन शैली, देर रात तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल, अलग-अलग शिफ्ट्स में काम करने की मजबूरी और जिंदगी की रेस में दूसरों से आगे निकलने की जिद ने नींद का एक बड़ा संकट पैदा कर दिया है.
इस समय दुनिया में नींद से जुड़े प्रोडक्ट्स का बाजार 31 लाख करोड़ रुपये का है और वर्ष 2024 तक ये बढ़कर 42 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा.
भारत के कई होटल्स अपने ग्राहकों को स्लीप मेन्यू दे रहे हैं. जिसमें ग्राहक अपनी पसंद का तकिया और बिस्तर चुन सकते हैं. कई होटल्स में लोगों को अच्छी नींद के लिए अरोमा थैरेपी (Aroma Therapy) भी दी जाती है.
इंडियन सोसाइटी फॉर स्लीप रिसर्च (Indian Society for Sleep Research) द्वारा स्लीप क्लीनिक्स (Sleep Clinics) खोलने के लिए लोगों को ट्रेनिंग दी जाती है. इन क्लीनिक्स में आसानी से नींद लाने के उपाय बताए जाते हैं.
आधुनिक युग में चैन से सोना दुर्लभ होता जा रहा है और एक वक्त ऐसा आ सकता है जब आपको नींद बाजार से खरीदनी पड़ेगी.
चैन की नींद लेने के उपाय
अब आप सोच रहे होंगे कि अगर मुझे बिना परेशानी के चैन से सोना है तो क्या करना चाहिए. आप चाहें तो बढ़िया नींद के जो उपाय अब हम आपको बताने जा रहे हैं, उन्हें आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं.
- आप हर दिन सुबह उठकर व्यायाम (Exercise) जरूर करें. ये सबसे महत्वपूर्ण उपाय है.
- दिन में कभी भी 30 मिनट से ज्यादा ना सोएं. ये आपकी रात की नींद को प्रभावित करता है.
- सोने से कम से कम 1 घंटे पहले तक मोबाइल फोन, टीवी, कंप्यूटर और अन्य Electronic Gadgets से दूर रहें .
- कई लोगों को सोने से पहले 5 से 10 मिनट तक प्राणायाम करने या Stretching Exercise करने और मधुर संगीत सुनने से भी गहरी नींद आती है.
- अगर आपको नींद ना आने की समस्या है तो आप अपने डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं.
पूरी दुनिया इस वक्त नींद की कमी से जूझ रही है और प्रकृति की तरफ से दी गई ये सहूलियत अब एक लक्जरी बनती जा रही है. यानी अगर आप 8 से 9 घंटे की पूरी नींद ले रहे हैं तो आप दुनिया के सबसे खुशकिस्मत लोगों में से एक हैं.
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