ये सच है कि पत्ता गोभी (CABBAGE) में कई बार टेपवर्म (Tapeworm) होता है. टेपवर्म (Tapeworm) खाने के साथ हमारी आंतों में पहुंच जाता है. जिसके बाद ये ब्लड (Blood) के साथ शरीर के अन्य अंगों और दिमाग तक पहुंच जाता है. टेपवर्म (Tapeworm) इतना छोटा होता है कि हमें ये नग्न आंखों से नहीं दिखाई पड़ता है.
टेपवर्म (Tapeworm) जानवरों के मल में मौजूद होता है. फिर टेपवर्म (Tapeworm) बारिश के पानी या फिर किसी अन्य वजह से जमीन के अंदर पहुंच जाता है. इसके बाद कच्ची या अधपकी सब्जियों के जरिए ये हमारे शरीर के अंदर चला जाता है. खाने के जरिए आंतों तक पहुंचने के बाद टेपवर्म (Tapeworm) खून के बहाव के साथ दिमाग तक पहुंच जाता है. इसके बाद टेपवर्म (Tapeworm) अपने लार्वा के जरिए दिमाग को गंभीर चोट पहुंचाता है.
टेपवर्म (Tapeworm) से होने वाले इंफेक्शन को टैनिएसिस (Taeniasis) कहते हैं. शरीर के अंदर जाने के बाद टेपवर्म (Tapeworm) अंडे देता है और इन अंडों से शरीर में कई जगह घाव बन जाते हैं. टेपवर्म (Tapeworm) के लीवर में पहुंचने पर सिस्ट बनना शुरू हो जाता है, फिर इसमें पस पड़ने लगता है.
टेपवर्म (Tapeworm) हमारे खाने को ही अपना भोजन बना लेते हैं. टेपवर्म (Tapeworm) के दिमाग तक पहुंचने से दौरे आने लगते हैं. टेपवर्म (Tapeworm) के शुरुआती लक्षण थकान, सिर दर्द, विटामिंस की कमी होना है. टेपवर्म (Tapeworm) के अंडों का दिमाग पर इतना प्रेशर बढ़ जाता है कि वो सुन्न हो जाता है.
टेपवर्म (Tapeworm) से बचाव के लिए डॉक्टरों का मानना है कि अधपके भोजन और कच्ची सब्जियों को खाने से टेपवर्म (Tapeworm) हमारे शरीर के अंदर पहुंचता है. भारत में टेपवर्म (Tapeworm) की बीमारी या न्यूरोसिस्टिसेरसोसिस से करीब 12 लाख लोग पीड़ित हैं. सब्जी को अच्छी तरह से उबालने और पकाने से टेपवर्म (Tapeworm) मर जाता है. तब हमें पत्ता गोभी खाते समय कोई खतरा नहीं होता है.
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