Taliban अफगानिस्तान में नहीं बना पा रहा सरकार, जानिए क्या है वजह
Suicide Bombers वो आत्मघाती हमलावर हैं जो अपने साथ कई मासूम लोगों की जान भी ले लेते हैं. तालिबान ने Suicide Bombers को अपना असली सिपाही बताया.
काबुल: इस वक्त की बड़ी खबर ये है कि शुक्रवार को तालिबान को अफगानिस्तान में नई सरकार का गठन करना था लेकिन आपसी सहमति ना होने की वजह से वो नई सरकार का गठन नहीं कर पाए. दुनिया को ये समझ आया होगा कि आतंकवादियों के लिए गोली चलाना और धमाके करना आसान बात है लेकिन आपसी सहमति के जरिए राजनीति करना और सरकार बनाना उनके बस की बात नहीं है.
तालिबानी नेताओं में नहीं बन पाई सहमति
तालिबानी नेताओं के बीच इस बात पर सहमति नहीं बन पाई कि किसे कौन सा विभाग दिया जाना है और किसकी सरकार में क्या भूमिका होगी? यानी कुल मिलाकर तालिबानियों ने अमेरिका को भगाने की डेडलाइन का पालन तो किया लेकिन वो सरकार बनाने की डेडलाइन का पालन नहीं कर पाए. ऐसा इसलिए है क्योंकि आतंकवादियों के लिए सरकार बनाने का ये पहला तजुर्बा है लेकिन आज तालिबान की इस तजुर्बे की कमी पूरी दुनिया के सामने आ गई.
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तालिबान की Victory Day Parade
तालिबान अफगानिस्तान में नई सरकार का गठन तो नहीं कर पाया लेकिन उसने एक Victory Day Parade निकाली, जिसमें उसके Suicide Bombers ने तालिबान के झंडे के साथ मार्च पास्ट किया. Suicide Bombers का मतलब उन आत्मघाती हमलावरों से है, जो अपने शरीर पर बारूद लगाकर जेहाद के नाम पर अपने साथ कई मासूम लोगों की जान ले लेते हैं. तालिबान अपनी Victory Day Parade में ऐसे Suicide Bombers को अपना असली सिपाही बताता है, जो दुनिया के शांति पसंद देशों का मजाक उड़ाने से कम नहीं हैं.
परेड में हथियारों का प्रदर्शन
इस Victory Day Parade में तालिबान ने अपने हथियारों का भी प्रदर्शन किया और ये हथियार हैं, शरीर पर पहनी जाने वाली Suicide जैकेट और ऐसे Bags जिनमें बम रखकर धमाका किया जाता है. ये तस्वीरें भी आज दुनिया का मजाक उड़ा रही हैं. इस Victory Day Parade में एक Black Hawk Helicopter भी उड़ते हुए देखा गया. कहा जाता है कि इस Helicopter को अफगान वायुसेना के ही एक पायलट ने उड़ाया क्योंकि तालिबान के पास ऐसे पायलट नहीं हैं. बड़ी बात ये है कि ये वही Helicopters हैं, जो अमेरिका अफगानिस्तान में छोड़ कर गया है.
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इस परेड में रॉकेट लॉन्चर, बैरल बॉम्ब, बख्तरबंद गाड़ियां और बारूद का भी प्रदर्शन हुआ. इस तरह की परेड पहले कंधार में भी हो चुकी है. हालांकि इस परेड में तालिबान ने अपना बदला हुआ झंडा दुनिया को दिखाया. पिछले 102 वर्षों में तालिबान अपना झंडा 30 बार बदल चुका है. तालिबान सोच रहा है कि झंडा बदलने से बाकी सब भी बदल जाता है लेकिन ऐसा नहीं है.
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