तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के पंजशीर प्रांत (Panjshir Valley) पर कब्जे का दावा किया है. वहीं हटाए गए उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने इसे तालिबान का प्रोपेगंडा बताया है.
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काबुल: तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में इकलौते आजाद बचे पंजशीर प्रांत (Panjshir Valley) पर कब्जे का दावा किया है. तालिबान का कहना है कि उसने घमासान लड़ाई के बाद पंजशीर घाटी पर अधिकार जमा लिया है. इस खुशी में तालिबान के लड़ाकों ने हवा में गोलियां भी चलाईं.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) ताजिकिस्तान चले गए हैं. अगर तालिबान (Taliban) का दावा सही निकला तो इसका मतलब पूरा अफगानिस्ताम अब उसके अधीन आ गया है. तालिबान अपनी पहली सरकार में भी इस इलाक़े पर क़ब्ज़ा नहीं कर पाया था.
हालांकि तालिबान के इन दावों को अमरुल्ला सालेह (Amrullah Saleh) ने गलत बताया है. उन्होंने कहा कि वे अब भी पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) में अपने राजनीतिक नेताओं और सैन्य कमांडरों के साथ मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि हालात विकट हैं. दोनों ओर से भारी नुकसान हुआ है.
वहीं तालिबानी (Taliban) हुकूमत का विरोध कर रहे नेशनल रेजिस्टेंट फोर्स (NRF) ने कहा कि पंजशीर (Panjshir Valley) अब भी आजाद है और उस पर तालिबान कब्जा नहीं कर पाया है. NRF ने कहा कि इलाके में अभी लड़ाई जारी है.
उधर एक बड़ी खबर ये भी निकलकर आ रही है कि प्रभावशाली पश्तून कमांडर और नेता अब्दुल रसूल सय्याफ पंजशीर से कमांडरों का संदेश लेकर मदद मांगने ताजिकिस्तान गए हैं. अब्दुल रसूल पुराने मुजाहिदीन कमांडर और अहमद शाह मसूद के साथी रहे हैं. अब्दुल रसूल उस समय नॉर्दर्न एलायंस के इकलौते पश्तून कमांडर थे, जो इतने ताक़तवर थे.
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अब्दुल रसूल इस्लाम के विद्वान, अच्छे वक्ता और अलग-अलग धड़ों के बीच तालमेल बनाने में माहिर माने जाते हैं. तालिबान (Taliban) के कट्टर दुश्मन रसूल के सऊदी अरब से भी अच्छे संबंध हैं, जो तालिबान का सबसे बड़ा समर्थक है. रसूल ने ही वर्ष 1996 में ओसामा बिन लादेन को सूडान से देशनिकाला मिलने के बाद अफगानिस्तान बुलाया था.
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