नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने शुक्रवार को पाकिस्तान को चेतावनी दी कि उसे भारत और खासकर पंजाब में शांतिपूर्ण माहौल खराब करने के अपने ‘नापाक मंसूबे’ को पूरा करने के लिए करतारपुर गलियारा मुद्दे और धर्म का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.


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उन्होंने कहा कि भारत और पंजाब सरकारें पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए तैयार हैं, ऐसे में पाकिस्तान को दूरियां कम करने की जरुरत है अन्यथा दुनिया में अलग थलग पड़ जाने के लिए तैयार रहें.


'मुद्दा आस्था का था इस पर ओछी राजनीति’ की गुजाइंश नहीं है'
करतारपुर गलियारे के शिलान्यास कार्यक्रम में अपने सहयोगी हरदीप सिंह पुरी के साथ भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकीं बादल ने कहा कि मुद्दा आस्था का था और इस पर ‘श्रेय लेने’ और ‘ओछी राजनीति’ की कोई गुजाइंश नहीं है.


एक दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया कि उनके प्रधानमंत्री इमरान खान की ‘गुगली’ ने भारत सरकार को करतारपुर गलियारा मुद्दे पर उनके देश के साथ मेल-जोल करने के लिए बाध्य कर दिया.


'श्रीकरतारपुर साहिब जाना मेरे लिए आस्था का विषय था'
बादल ने कहा,‘श्रीकरतारपुर साहिब जाना मेरे लिए आस्था का विषय था. इस पावन मुद्दे पर श्रेय लेने की जद्दोजेहद अवांछित है. कोई किसी गुगली से बोल्ड नहीं हुआ. प्रधानमंत्री मोदी और मंत्रियों ने इस पावन पहल का सूत्र तैयार कर और उसमें हिस्सा लेकर बस सिखों की भावनाओं का सम्मान किया है. ’


उन्होंने संवाददाताओं से कहा,‘यदि आप सोचते हैं कि आप हमारे धर्म का दुरुपयोग कर अपने नापाक मंसूबे को पूरा कर पायेंगे तो आप गलतफहमी में हैं. हम गुरु गोविंद सिंह के बच्चे हैं जिन्हें पता है कि देश की रक्षा कैसे की जाए.’


उन्होंने कहा, ‘‘आपको मेरा सुझाव है कि आप अपने नापाक मंसूबे को पूरा करने के लिए धर्म का इस्तेमाल न करें. आप अहसास करेंगे कि उसके परिणाम बुरे होंगे और इतिहास उसका गवाह है. बाबा नानक वहां हैं.’’ 


कुरैशी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि पूर्व क्रिक्रेटर खान ने शिलान्यास कार्यक्रम में भारत सरकार की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए गुगली फेंका. 


उससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्पष्ट रुप से कहा था कि जबतक पाकिस्तान भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवादी गतिविधियां बंद नहीं करता, तबतक उसके साथ द्विपक्षीय वार्ता नहीं हो सकती. 


पाकिस्तान ने बुधवार के शिलान्यास कार्यक्रम के लिए स्वराज को आमंत्रित किया था. लेकिन स्वराज ने कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते वह करतारपुर साहिब नहीं जा सकतीं. भारत का प्रतिनिधित्व बादल और पुरी ने किया. 


बृहस्पतिवार को कुरैशी ने यह भी कहा था कि यह वही भारत सरकार है जिसने कहा था कि वह पाकिस्तान के साथ मेल-जोल नहीं करेगी लेकिन उसे करतारपुर गलियारे के शिलान्यास कार्यक्रम के लिए करना पड़ा.


बादल ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रतिनिधियों और दुनिया के सामने कहा कि वह, उनकी पार्टी और उनकी सेना भारत के साथ शांति चाहती है.


उन्होंने कहा, ‘‘आपके (खान के) मंत्री के शब्द इस मौके का मजाक उड़ाते हैं और उसे आपके नापाक मंसूबे से जोड़ते हैं. बतौर प्रधानमंत्री आपके अपने मंत्रियों को नियंत्रित करने की जरुरत है. अन्यथा जैसे दुनियाभर के लोगों का पाकिस्तान पर से विश्वास उठ गया है, उसी तरह उनका पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पर से भी विश्वास उठ जाएगा. ’’