दिल्ली को Driverless Metro की सौगात, PM Modi बोले- 2025 तक 25 शहरों में मेट्रो चलाने का लक्ष्य
PM Narendra Modi inaugurates first driverless Delhi Metro: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन (जनकपुपश्चिम-बोटेनिकल गार्डेन) पर भारत की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो सेवा (Driverless Metro Train) की शुरुआत की.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार को दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन (जनकपुरी पश्चिम - बोटेनिकल गार्डेन) पर भारत की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो (Driverless Metro Train) सेवा की शुरुआत की. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अलग-अलग शहरों अलग मेट्रो चलाने की योजना पर काम हो रहा है. इसके साथ ही पीएम ने कई तरह की मेट्रो की जानकारी दी.
6 साल में 5 से 18 शहरों में पहुंची मेट्रो: पीएम मोदी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'मुझे आज से लगभग 3 साल पहले मजेंटा लाइन के उद्घाटन का सौभाग्य मिला था. आज फिर इसी रुट पर देश की पहली ऑटोमेटिड मेट्रो का उद्घाटन करने का अवसर मिला. ये दिखाता है कि भारत कितनी तेजी से स्मार्ट सिस्टम की तरफ आगे बढ़ रहा है.' उन्होंने कहा, '2014 में सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो रेल थी. आज 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है. वर्ष 2025 तक हम इसे 25 से ज्यादा शहरों तक विस्तार देने वाले हैं.'
37 किलोमीटर लंबे रूट पर सेवा का संचालन
दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) की मजेंटा लाइन का संचालन दिल्ली के जनकपुरी पश्चिम से नोएडा के बोटेनिकल गार्डन के बीच होता है. दिल्ली मेट्रों की पहली ड्राइवरलेस मेट्रों 37 किलोमीटर लंबे रूट चलेगी. इसके बाद 57 किलोमीटर लंबी पिंक लाइन पर मजलिस पार्क और शिव विहार के बीच अगले साल मध्य तक ड्राइवरलेस मेट्रों चलाने की योजना है.
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अलग-अलग शहरों में चलेगी अलग मेट्रो: पीएम
पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मेट्रो की भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया, 'दिल्ली मेरठ RRTS का शानदार मॉडल दिल्ली और मेरठ की दूरी को घटाकर एक घंटे से भी कम कर देगा. वहीं मेट्रोलाइट, उन शहरों में चलेगी, जहां यात्री संख्या कम है. वहां मेट्रोलाइट वर्जन पर काम हो रहा है. ये सामान्य मेट्रो की 40 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है.' उन्होंने कहा, 'मेट्रो नियो, जिन शहरों में सवारियां और भी कम है, वहां पर मेट्रो नियो पर काम हो रहा है. ये सामान्य मेट्रो की 25 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है. इसी तरह है वॉटर मेट्रो- ये भी आउट ऑफ द बॉक्स सोच का उदाहरण है.'
'शहरीकरण को चुनौती नहीं, बल्कि अवसर के रूप में लिया'
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'हमने शहरीकरण को एक चुनौती के रूप में नहीं लिया, बल्कि एक अवसर के रूप में लिया. हमारे देश में मेट्रो रेलवे से जुड़ी कोई नीति नहीं थी और हमारी सरकार ने मेट्रो से संबंधित एक विशिष्ट नीति तैयार की और इसे चार-आयामी दृष्टि से लागू किया. हमने स्थानीय जरूरतों के अनुरूप काम करने, मेक इन इंडिया के विस्तार और आधुनिक तकनीक के उपयोग पर जोर दिया.' उन्होंने कहा, 'मेट्रो सर्विसेस के विस्तार के लिए मेक इन इंडिया महत्वपूर्ण है. मेक इन इंडिया से लागत कम होती है, विदेशी मुद्रा बचती है और देश में ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है. रोलिंग स्टॉक के मानकीकरण से हर कोच की लागत अब 12 करोड़ से घटकर 8 करोड़ पहुंच गयी है.'
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