वैसे तो देश की बहुत सारी राष्ट्रीय समस्याओं पर हर वर्ष बहुत सारे सेमिनार... और सम्मेलन होते हैं... बार बार सभाएं और गोष्ठियां आयोजित की जाती हैं.. जिन पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं.. लेकिन अतिक्रमण एक ऐसी राष्ट्रीय समस्या है जिसे हमारे भ्रष्ट सिस्टम ने स्वीकार कर लिया है . देश की तमाम सड़कों पर अवैध कब्ज़े हैं.. आम लोग इससे रोज़ परेशान होते हैं. लेकिन हमारे देश में बिना किसी रोक-टोक के.. सड़कों और फुटपाथ के अतिक्रमण की एक पूरी अर्थव्यवस्था चल रही है . जिसमें सिपाही से लेकर अफसर तक... भ्रष्टाचार के माध्यम से अपना अपना हिस्सा... वसूल रहे हैं . 


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आपको याद होगा 11 दिसंबर को भी हमने अतिक्रमण के खिलाफ एक मुहिम चलाई थी . आपमें से बहुत सारे लोगों ने हमें लिखा था कि उनके आसपास के इलाक़े में फुटपाथ पर अतिक्रमण किया जा रहा है . हर रोज़ आपमें से बहुत से लोग.. अतिक्रमण की वजह से ट्रैफिक Jam में फंसते हैं लेकिन आपको अपना गुस्सा पीना पड़ता है . ये सारी बातें आपने हमारे साथ शेयर की थीं. और आज 9 दिन बाद अतिक्रमण के खिलाफ हम अपनी मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं.


11 दिसंबर को DNA में हमने आपको देश की राजधानी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के बाहर की तस्वीरें दिखाई थीं . ये अतिक्रमण की अर्थव्यवस्था का एक जीता जागता सबूत है. हमने इस खबर को प्रसारित किया था और इसी स्टूडियो से अधिकारियों को Live शिकायत भी की थी... 11 दिसंबर की इस घटना को अब एक हफ्ते से ज्यादा बीत चुका हैं . लेकिन अब तक सफदरजंग अस्पताल के सामने अतिक्रमण करने वाले लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है . हमारे Reporters ने ये तस्वीरें अपने कैमरे में Record की हैं . System के इस रवैये का मतलब ये है कि हमारे देश के अधिकारी अब अवैध कब्ज़े को गंभीरता से नहीं लेते. इनमें कुछ ऐसे अधिकारी भी जरूर होंगे, जिन्हें लगता है कि अतिक्रमण को बनाए रखने में फायदा है हटाने में नहीं . 


11 दिसंबर को जब हमने इस मामले पर Live शिकायत की थी . तब हमने जो Tweet किया . उसे अब तक 33 हजार 700 लोगों ने देखा . 2 हजार से ज्यादा लोगों ने उस पर अपनी प्रतिक्रिया दी . 2 हजार 800 लोगों ने हमारे इस Video को Retweet किया . और 7 हजार 700 लोगों ने Twitter पर हमारी इस मुहिम को पसंद किया . कुछ पुलिस अधिकारियों ने हमें सरकारी टाइप के जवाब भी दिए. इस मामले को सरकारी परंपराओं के मुताबिक किसी तरह रफा दफा कर दिया गया . लेकिन जमीन पर हालत आज भी वैसी ही है . 


जब तक हम अतिक्रमण वाली इस समस्या का इलाज खुद नहीं करेंगे. तब तक बात नहीं बनेगी. और आज हम DNA में एक बार फिर इस समस्या की Live शिकायत करेंगे. आज हम आपको एक बार फिर याद दिलाना चाहते हैं.. कि सफदरजंग इलाके में अतिक्रमण को रोकने की ज़िम्मेदार किसकी है ?


यहां अतिक्रमण रोकने की पहली ज़िम्मेदारी इस इलाके के बीट कॉन्स्टेबल की है. यानी दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी है. दूसरी जिम्मेदारी है, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की. तीसरी जिम्मेदारी है, दक्षिण दिल्ली नगर निगम और NDMC की. क्योंकि ये इलाका इन दोनों के Under में आता है. 


चौथी जिम्मेदारी है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की. क्योंकि ऐसे अतिक्रमण को वो भी रुकवा सकते हैं. और पांचवीं जिम्मेदारी है दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल की. क्योंकि वो दिल्ली में प्रशासन के मुखिया हैं. इसलिए LG साहब अपनी जिम्मेदारी से इनकार नहीं कर सकते हैं. 


आपको याद होगा 11 दिसंबर को हमने अपनी रिपोर्ट सभी जिम्मेदार लोगों को Tag करके Tweet की थी . 11 दिसंबर को हमने दिल्ली पुलिस, Delhi Traffic Police, दक्षिण दिल्ली नगर निगम की मेयर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के LG अनिल बैजल को Tag करके रिपोर्ट Tweet की थी . 


अब हम अपनी इस मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं . 


सफदरजंग अस्पताल... नई दिल्ली लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है .
नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी हैं .


और इस इलाके के विधायक सोमनाथ भारती हैं .
आज हम अपनी Live शिकायत में इन दोनों को Tag कर रहे हैं. ताकि ये पूरा मामला इनके संज्ञान में आ जाए.


सफदरजंग अस्पताल का गेट नंबर 5 NDMC यानी New Delhi Municipal Council के इलाके में आता है
इसके Chairman नरेश कुमार हैं 
((आप इस Email ID पर अपनी शिकायत कर सकते हैं chairperson@ndmc.gov.in))


सफदरजंग अस्पताल का गेट नंबर 1.. SDMC यानी दक्षिण दिल्ली नगर निगम के इलाके में आता है 
SDMC के कमिश्नर डॉ पुनीत कुमार गोयल हैं 
((आप इस Email ID पर अपनी शिकायत कर सकते हैं 
sdmc@mcd.gov.in ))