नई दिल्ली : चुनावों में फर्जी मतदान पर रोक लगाने के लिए वोटर आइडी कार्ड को आधार से जोड़ने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई से इनकार कर दिया. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय और जया ठाकुर की जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए दोनों याचिकाकर्ताओं को चुनाव आयोग जाने की सलाह दी.


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दरअसल, याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 20 फरवरी 2018 के पहले के उस आदेश का हवाला दिया था, जिसमें आधार को संवैधानिक रूप से चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाए जाने के बाद उनकी याचिका पर सुनवाई का आश्वासन दिया गया था.


सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इस मामले को न्यायमूर्ति केएस पुट्टास्वामी (सेवानिवृत्त) और एक अन्य बनाम भारत संघ (आधार मामले) में निर्णय के बाद सूचीबद्ध किया जाए.जनहित याचिका में चुनाव आयोग को आधार युक्त इलेक्ट्रानिक वोटिंग सिस्टम पर उचित कदम उठाने के संबंध में दिशानिर्देश देने की मांग की गई है जिससे लोक प्रतिनिधित्व की धारा 17-18के तहत फर्जी और दोहरे मतदान पर अंकुश लगाया जा सके. 


इतना ही नहीं याचिका में कानून मंत्रालय के माध्यम से केंद्र को भी दिशा-निर्देश देने को कहा गया है, जिसमें भ्रष्टाचार, काला धन पैदा करने और बेनामी लेनदेन पर रोक लगाने के लिए आधार नंबर के साथ उनकी चल और अचल संपत्ति जोड़ने की मांग की गई है.