नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Laws) का विरोध कर रहे किसानों ने केंद्र सरकार के संशोधन प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और कहा है कि कानूनों को रद्द करने तक आंदोलन (Farmers Protest) जारी रहेगा. इसके साथ ही दिल्ली की सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों ने महापंचायत कर तीनों कानून रद्द कराने के लिए आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है.


सरकार ने शुरू किया मंथन


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किसानों द्वारा प्रस्ताव ठुकराए जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने बैठक की. बैठक में तीनों मंत्रियों ने किसानों को मनाने की रणनीति पर मंथन किया. बताया जा रहा है कि प्रदर्शन कर रहे किसानों को सरकार एक बार फिर बातचीत के लिए बुला सकती है.


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क्या है किसानों का आगे का प्लान


-  दिल्ली को जोड़ने वाली सभी सड़कें बारी-बारी बंद करेंगे.
-  आसपास के राज्यों में 'दिल्ली चलो' अभियान शुरू करेंगे.
- 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर और दिल्ली-आगरा हाईवे बंद करेंगे.
- 12 दिसंबर को किसान देश भर के टोल नाके फ्री करेंगे.
- 14 दिसंबर को किसान देश के हर जिले में प्रदर्शन करेंगे.
-  किसान बीजेपी नेताओं और पार्टी दफ्तरों का घेराव करेंगे.


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सरकार ने भेजा था लिखित प्रस्ताव


इससे पहले सरकार ने बुधवार (9 दिसंबर) को आंदोलन कर रहे किसानों को लिखित प्रस्ताव भेजा था, जिसमें कानूनों में किए जाने वाले संशोधन का जिक्र किया गया था. इसके बाद किसान संगठनों ने सिंघु बॉर्डर पर बैठक कर सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा की और इसे ठुकरा दिया था.


सरकार के प्रस्ताव में किन चीजों का जिक्र


- कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के कानून में अभी किसान के पास कोर्ट जाने का अधिकार नहीं है, ऐसे में सरकार इसमें संशोधन कर कोर्ट जाने के अधिकार को शामिल कर सकती है.
- प्राइवेट प्लेयर अभी पैन कार्ड की मदद से काम कर सकते हैं, लेकिन किसानों ने पंजीकरण व्यवस्था की बात कही. सरकार इस शर्त को मान सकती है.
- इसके अलावा प्राइवेट प्लेयर्स पर कुछ टैक्स की बात भी सरकार मानती दिख रही है.
- किसान नेताओं के मुताबिक, अमित शाह ने MSP सिस्टम और मंडी सिस्टम में किसानों की सहूलियत के अनुसार कुछ बदलाव की बात कही है.


अमित शाह के साथ बैठक रही थी बेनतीजा


सरकार और किसानों के बीच आज (9 दिसंबर को) को छठे दौर की बातचीत होने वाली थी, लेकिन इस बीच मंगलवार देर शाम को उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब अचानक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के साथ 13 किसान नेताओं की बैठक की खबर आई. किसान नेताओं में 8 पंजाब से थे, जबकि पांच देशभर के अन्य किसान संगठनों से जुड़े थे. बैठक रात आठ बजे शुरू हुई, लेकिन यह बातचीत भी बेनतीजा रही थी.


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