हैदराबाद में जन्मा `मत्स्य मानव`, अल्ट्रासाउंड जांच भी नहीं जान पाई असलियत
हैदराबाद में जिस बच्चे ने जन्म लिया, वो रेयर बीमारी से ग्रसित था. इसे मरमेड सिंड्रोम (Mermaid Syndrome) या साइरेनोमेलिया (Sirenomelia) भी कहते हैं. इस बीमारी की वजह से बच्चे का ऊपरी हिस्सा तो इंसानों की तरह रहता है लेकिन निचला हिस्सा पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता.
हैदराबाद: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक ऐसे बच्चे ने जन्म लिया, जिसका आधा शरीर इंसान का और आधा शरीर मछली का था. ये बच्चा जब जन्मा तो इसका ऊपरी हिस्सा मानव का था और निचला हिस्सा मछली की तरह. यही नहीं, बच्चे के शरीर से अहम इंसानी अंग भी गायब थे.
कुछ ही समय जिंदा रह पाया 'फिशमैन'
इस बच्चे का जन्म हैदराबाद शहर के पेटलाबुर्ज मैटरनिटी हॉस्पिटल में हुआ. जो जन्म के बाद कुछ देर तक ही जिंदा रह सका. क्योंकि इस बच्चे के शरीर में अहम अंग ही नहीं थे. बच्चे ने जब जन्म लिया तो उसके शरीर में दोनों पैरों की हड्डियां नहीं थी. उसके शरीर में निचले हिस्से की हड्डियां आपस में जुड़ी हुई थीं. उसका लिंग गायब था. पेट के कई अंग गायब थे. रीढ़ की हड्डी में कमी थी. पेल्विस और दोनों किडनियां भी गायब थीं. खास बात ये है कि बच्चा जब तक मां की पेट में था, तब तक तमाम अल्ट्रासाउंड जांच भी ये नहीं बता पाई कि आखिर बच्चा सबसे अलग क्यों है?
(प्रतीकात्मक तस्वीर: विकीमीडिया)
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मरमेड सिंड्रोम से पीड़ित था बच्चा
लेटेस्टली.कॉम के मुताबिक, हैदराबाद में जिस बच्चे ने जन्म लिया, वो रेयर बीमारी से ग्रसित था. इसे मरमेड सिंड्रोम (Mermaid Syndrome) या साइरेनोमेलिया (Sirenomelia) भी कहते हैं. इस बीमारी की वजह से बच्चे का ऊपरी हिस्सा तो इंसानों की तरह रहता है लेकिन निचला हिस्सा पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता. इसकी वजह से निचला हिस्सा मछली की पूंछ की तरह दिखाई देता है. यानी मछली के पंखों की तरह. ऐसा माता-पिता के जेनेटिक डिसऑर्डर की वजह से हो सकता है. जानकारों का कहना है कि ये बीमारी करीब 10 लाख मामलों में किसी एक को होता है और इस बीमारी के साथ पैदा हुए बच्चे महज कुछ ही समय जी पाते हैं.