Ganderbal Terror Attack: गांदरबल में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.आतंकी हमले के गुनाहगारों को पकड़ने के लिए सुरक्षाबल का तलाशी अभियान गुरुवार को भी जारी है. इसी बीच हमले में शामिल आतंकियों की तस्वीरें सामने आई हैं. यह दोनों तस्वीरें उसी कैंप के एक सीसीटीवी की फुटेज से ली गई बताई जा रही हैं, जहां आतंकियों ने हमला किया था.


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7 लोगों की जान लेने वाला आतंकी
पुलिस इन तस्वीरों को लेकर पूरी तरह चुप्पी साधे है. इन तस्वीरों में नजर आने वाले दोनों आतंकियों के पाकिस्तानी होने की आशंका है. जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में 20 अक्टूबर की देर रात आतंकी हमले में 7 लोगों की जान चली गई थी. कथित आतंकी का सीसीटीवी फुटेज जो सामने आया है. इसमें हाथ में AK-47 जैसी राइफल लिया हुआ आतंकी किसी इमारत में घुसता हुआ नजर आ रहा है. 


कब हुआ था हमला?
गांदरबल के गगनगीर इलाके में श्रीनगर-लेह नेशनल हाईवे की टनल कंस्ट्रक्शन साइट पर आतंकियों ने फायरिंग की थी. हमले में बडगाम के डॉक्टर शहनवाज मीर और पंजाब-बिहार के 6 मजदूरों की जान गई थी. हमले के बाद गांदरबल और गगनगीर के जंगलों में रात से सर्च ऑपरेशन चलाया गया था. हमले की जांच और हाई अलर्ट के चलते नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी (NIA) भी गांदरबल पहुंची थी.


तस्वीर में नीला निशान
तस्वीर में राइफल पर नीले रंग का निशान बना हुआ है. सूत्रों ने बताया कि पीर पंजाल में सुरक्षाबलों पर हमलों में आतंकियों की ओर से इसी तरह की राइफलों का इस्तेमाल किया गया था. हमले में बचे लोगों ने दावा किया है कि हमलावरों ने चेहरे ढके हुए थे. वहीं, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक जुटाए साक्ष्यों पर टिप्पणी जल्दबाजी होगी. इससे आगे की जांच प्रभावित हो सकती है. पुष्टि होने पर जानकारी साझा की जाएगी.


गांदरबल में गोलीबारी में सात की मौत, टीआरएफ ने ली जिम्मेदारी
गांदरबल में सोनमर्ग के पास गगनगीर इलाके में जेड मोड़ सुरंग निर्माण कर रही कंपनी में काम करने वाले मजदूरों पर रविवार की रात आतंकियों ने हमला कर छह मजदूरों और एक डॉक्टर की हत्या कर दी. कुछ अन्य मजदूर घायल हैं. इनमें पांच प्रवासी मजदूर भी हैं. हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा के सहयोगी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है.

आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की
गांदरबल के गगनगीर गुंड इलाके में सुरंग बना रही कंपनी एप्को के कर्मियों के शिविर पर पहुंचकर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी. इसमें मौके पर ही दो मजदूरों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. घायलों में एक कश्मीरी डॉक्टर तथा चार अन्य मजदूरों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.