Afghanistan संकट के बीच Indian Government की अहम पहल, Visa को लेकर लिया बड़ा निर्णय
अफगानिस्तान (Afghanistan) के दिल दहलाने वाले हालातों और उनसे बचकर दूसरे देशों में शरण पाने के इच्छुक लोगों के लिए भारत सरकार (Indiac Government) ने अहम पहल की है. सरकार ने इनकी वीजा एप्लीकेशन (Visa Application) को तेजी से ट्रैक करने के लिए नई कैटेगरी शुरू की है.
नई दिल्ली: भारत सरकार (Government of India) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में चल रहे संकट के बीच एक अहम कदम उठाया है. सरकार ने भारत में प्रवेश करने के लिए इच्छुक लोगों के वीजा आवेदनों को तेजी से ट्रैक करने के लिए 'ई-आपातकालीन एक्स-मिस्क वीजा' (e-Emergency X- Misc Visa) नाम से इलेक्ट्रॉनिक वीजा की एक नई कैटेगरी शुरू की है.
यह घोषणा अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) के सत्ता में आने के 2 दिन बाद की गई है. जब अफगानिस्तान छोड़ने के लिए हजारों अफगानी सोमवार को काबुल के मुख्य हवाई अड्डे (Kabul Airport) पर पहुंचे लेकिन हवाई जहाज में जगह न मिलने पर उनमें से कुछ जहाज से लटक गए और गिरकर दर्दनाक मौत का शिकार हुए.
घंटों में बदल गए हालात
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना (US Army) की रवानगी ने कट्टरवादी इस्लामी समूह तालिबान को इतना ताकतवर बना दिया कि कुछ ही समय में उन्होंने देश की सत्ता हथिया ली. इसके बाद बदहवास हुए नागरिक अपना देश छोड़ने के लिए ऐसे बेताव हुए कि काबुल एयरपोर्ट पर पैर रखने की जमीन नहीं बची.
गृह मंत्रालय (Home Ministry) के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी एएनआई से मंगलवार को कहा कि सरकार ने अफगानिस्तान के इन हालातों को देखते हुए वीजा प्रावधानों की समीक्षा की. साथ ही e-Emergency X-Misc Visa नाम से इलेक्ट्रॉनिक वीजा पाने की एक नई कैटेगरी शुरू की. ताकि देश में प्रवेश करने के इच्छुक लोगों के वीजा आवेदनों पर जल्दी काम किया जा सके.
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फिर से शुरू हुईं फ्लाइट्स
वैसे तो राजधानी काबुल में किसी तरह की प्रताड़ना या बड़े हमलों की खबर नहीं है लेकिन विद्रोहियों के लगातार आगे बढ़ने, जेलों से खूंखार कैदियों को रिहा करने और हथियार लूटने के कारण बने दहशत भरे माहौल के कारण यहां बचे हुए लोग घर पर ही छिपे हुए हैं. वहीं तालिबानियों के कब्जे के बाद कुछ समय तक बंद रहे काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फिर से फ्लाइट्स शुरू हो गईं हैं. इसी दौरान मिलिट्री जेट से लोग लटक गए और फिर आसमान में ऊंचाई से गिर गए.
उधर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का बचाव करते हुए कहा है कि जिस गति से काबुल का पतन हुआ उसमें अफगानिस्तान की सरकार की ही गलती है.