गुजरात विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण के लिए आज वोट डाले गए. इसी के साथ चुनावी मैदान में उतरे कैंडिडेट्स की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई. वोटिंग के बाद बूथ अधिकारियों ने ईवीएम को सील कर दिया. अब 8 दिसंबर को वोटों की गिनती की जाएगी. सोमवार को 93 सीट पर दूसरे चरण की वोटिंग के दौरान शाम पांच बजे तक 58.80 फीसदी वोट डाले गए. चुनाव आयोग के मुताबिक पूरे गुजरात में कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हुआ.


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गुजरात विधानसभा चुनावों में लोगों ने कई अलग-अलग मुद्दों पर वोटिंग की. हालांकि, लोगों के मुद्दों में से हिन्दू-मुस्लिम यानी ध्रुवीकरण लगभग गायब रहा. वहीं बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर भी लोगों ने उतना ध्यान नहीं दिया. एग्जिट पोल के मुताबिक लोगों ने बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, सरकार के काम, ध्रुवीकरण, महंगाई,पीएम मोदी फैक्टर और सरकारी योजनाओं को ध्यान में रखकर वोट डाला.


पूरे चुनाव के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष ने कई मुद्दों को उछालने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने अपने मुद्दे तय कर रखे थे. आइए जानते हैं गुजरात विधानसभा चुनाव में ऐसे कौन-कौन से मुद्दे हैं जो वोट डालने का आधार बन सके.


मुद्दे कितने लोगों ने डाला वोट
बेरोजगारी पर 9%
महंगाई पर 11%
ध्रुवीकरण पर 3%
विधायक का कामकाज पर 5%
राज्य सरकार का कामकाज पर 6%
नरेंद्र मोदी का समर्थन/विरोध पर  34%
केंद्र-राज्य सरकार की योजना के लाभ पर 18%
अन्य  14%

दिग्गज नेताओं ने डाला वोट


दूसरे चरण में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल, आम आदमी पार्टी के सीएम कैंडिडेट इसुदान गढ़वी और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखराम राठवा ने वोट डाला. पीएम मोदी ने अहमदाबाद के रानिप क्षेत्र के निशान हाई स्कूल में बने पोलिंग स्टेशन पर वोट डाला. वहीं, उनकी 100 वर्षीय मां ने गांधीनगर के एक सेंटर पर वोट डाला.


अहमदाबाद के नारनपुरा इलाके में स्थित एक नगरपालिका केंद्र में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मतदान किया. वहीं आम आदमी पार्टी के सीएम उम्मीदवार इसुदान गढ़वी ने घुमा क्षेत्र के एक बूथ पर मतदान किया. इसुदान गुजरात के खंभालिया सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.


पिछले 6 विधानसभा चुनावों में बीजेपी रही है विजेता
- 1995 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 121 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को 45 सीटें मिली थीं.
- 1998 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 117 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को 53 सीटें मिली थीं.
- 2002 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 127 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को 51 सीटें मिली थीं.
- 2007 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 117 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को 59 सीटें मिली थीं.
- 2012 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 115 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को 61 सीटें मिली थीं.
- 2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 99 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं.



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