अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने बलात्कार के एक मामले में आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति ए जे देसाई ने जेल में बंद आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी। यह मामला सूरत की एक महिला ने 2013 में दायर किया था।


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आसाराम ने जुलाई 2014 में इस आधार पर जमानत की मांग की थी कि गुजरात पुलिस पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। 72 वर्षीय धार्मिक प्रवचनकर्ता आसाराम ने यह भी कहा था कि उनके खिलाफ यौन र्दुव्‍यवहार का मामला दुर्भावना से दाखिल किया गया है। आसाराम ने यह भी कहा था कि बलात्कार की शिकायत कथित अपराध के 12 साल बाद दाखिल की गयी थी।


जमानत याचिका में कहा गया है कि कथित अपराध 2001 में होने के बाद भी पीडित 2007 तक आसाराम के आश्रम में रही। सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके पुत्र नारायण साईं के खिलाफ अलग अलग शिकायतें दर्ज करायी थीं और उनके खिलाफ बलात्कार, अवैध रूप से बंधक बनाए जाने सहित अन्य आरोप लगाए थे।