Child Swallowed Whistle: अगर आपको लगता है कि बच्चा‌ खिलौनों से तो‌‌ खेल ही सकता है, लेकिन हरियाणा के नूंह में एक ऐसा चौंकाने वाला मामला आया है, जिसे देखकर आपको भी सावधान होने की जरूरत है. 4 साल के एक मासूम की जान चप्पल की सीटी निगलने से आफत में आ गई, जिसे दिल्ली स्थित एम्स (AIIMS) की कैजुअल्टी में लाया गया और फिर डॉक्टरों ने एंडोस्कोपी करके बच्चे‌ की सांस नली से सीटी‌ निकाली.


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बच्चा जब-जब ले रहा था सांस, बज रही थी सीटी


बताया जा रहा है कि बच्चे को ईद से पहले उसके माता-पिता ने सीटी वाली चप्पल दिलाई थी. खेल-खेल में बच्चे ने चप्पल वाली सीटी‌ निगल ली, जो उसके सांस नली में जाकर फंस गई और जान पर बन आई. इसके बाद बच्चा जब-जब सांस ले रहा था, तब सीटी बज रही थी.



एम्स में ऑपरेशन के बाद निकाली गई सीटी


शनिवार-रविवार की रात 3.30 बजे बच्चे को एम्स (AIIMS) लाया गया, जहां सुबह 5 बजे ऑपरेशन किया गया. इस काम के लिए बच्चे की सांस नली में एंडोस्कोप वाला कैमरा, रोशनी के लिए लाइट, ऑक्सीजन के लिए ट्यूब, ऑब्जेक्ट पकड़ने के लिए औजार, यानी कुल चार चीजें डालनी पड़ी.


बच्चों के लिए जानलेवा हैं ये चीजें


डॉक्टरों की‌ राय में कुछ चीजें छोटे बच्चों के‌‌ लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं, जिनमें मूंगफली, बादाम, कमीज के बटन, सेफ्टी पिन, चाइनीज खिलौनों की बैटरी, बालों में लगी पिन और माला के मोती शामिल हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, खिलौनों की बैटरी सबसे खतरनाक होती है. बैटरी सांस की नली में चली जाए तो खत्म बैटरी में भी इतना करंट‌ होता है कि वो सांस नली को जलाकर खाने की नली में पहुंचकर दोनों नली आपस मिला सकती है.


हर साल एम्स पहुंचते हैं ऐसे 100 बच्चे


एम्स से मिली जानकारी के अनुसार, हर साल औसतन 100 ऐसे बच्चे एम्स पहुंचते हैं, जो कुछ ना कुछ निगल लेते हैं. ऐसे बच्चे बहुत बार एम्स की एमरजेंसी में लाए जाते हैं. ये स्थिति जानलेवा हो सकती है, इसलिए आमतौर पर बच्चों को कैजुअल्टी से एम्स के ऑपरेशन थियेटर ले जाया जाता है और आमतौर पर सभी बच्चे बचा लिए जाते हैं.


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