Haryana Political Crisis Update: हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने से BJP सरकार का राजनीतिक समीकरण बिगड़ गया है. हालांकि, अभी हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने में महज 6 महीने ही बाकी हैं. इसी साल 15 मार्च को मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफा देने के बाद नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री का पद संभाला था लेकिन सैनी ने विश्वासमत हासिल नहीं किया. इस बीच, दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) के रुख ने बीजेपी की परेशानी को बढ़ा दिया है.


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कांग्रेस को समर्थन दे सकते हैं दुष्यंत चौटाला?


TOI में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि उनकी पार्टी हरियाणा में नायब सिंह सैनी सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष को भी समर्थन देने के लिए तैयार है. इसके साथ ही पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने ये भी चेतावनी अपने विधायकों को दी कि अगर कोई पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर बीजेपी को सपोर्ट करता है तो उसके खिलाफ अयोग्यता (Disqualification) की कार्रवाई की जाएगी.


22 अगस्त तक अल्पमत में चलेगी सरकार!


जान लें कि कांग्रेस पहले ही फरवरी में बीजेपी गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला चुकी है. जिसके आधार पर अगले 6 महीने तक यानी 22 अगस्त तक तकनीकी रूप से हरियाणा में अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है. वैसे भी हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल अक्टूबर में खत्म हो रहा है यानी अक्टूबर तक अल्पमत में ही सरकार चलती रहेगी.


नायब सिंह सैनी का दावा


वैसे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का दावा है कि सरकार पर कोई संकट नहीं है. सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि विपक्षी जनता के बीच झूठ बोलकर उनको बरगलाने का काम करते हैं. भ्रम की स्थिति पैदा करते हैं कि सरकार अल्पमत में है. लेकिन सरकार को कोई दिक्कत नहीं है.


क्या है दुष्यंत चौटाला का रुख?


ऐसे में संभावना ये भी है कि अगर कांग्रेस 22 अगस्त के बाद अविश्वास प्रस्ताव लेकर आती है तो सरकार विधानसभा को भंग करके चुनाव का ऐलान कर सकती है. हरियाणा के सियासी संकट पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारे संपर्क में भी विपक्ष के कई विधायक हैं, तो वहीं दुष्यंत चौटाला ने कहा कि बीजेपी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस को भी समर्थन दे सकते हैं.