Heart Attack First aid: दिल्ली एयरपोर्ट पर दिल का दौरा पड़ने पर महिला डॉक्टर ने 5 मिनट में बुजुर्ग की जान बचाकर सभी को हैरान कर दिया है. इस लाइफ सेविंग मोमेंट को एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों ने अपने फोन में कैद कर लिया. अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो देखकर हर कोई महिला डॉक्टर की तारीफ कर रहा है.


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बुजुर्ग को पड़ा दिल का दौरा


दिल्ली एयरपोर्ट पर एक बुजुर्ग को दिल का दौरा पड़ने पर वहां मौजूद महिला डॉक्टर ने उनकी जान बचाई. घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स महिला डॉक्टर की तारीफ कर रहे हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 पर मौजूद महिला डॉक्टर बीमार व्यक्ति के सीने पर दबाव डाल रही हैं. उसके आसपास लोगों की भीड़ भी देखी जा सकती है.


महिला डॉक्टर ने बचाई जान


वीडियो के मुताबिक, डॉक्टर ने 5 मिनट में मरीज को होश में ला दिया और उसके होश में आने तक उसे प्रोत्साहित करती रही. बाद में एयरपोर्ट अधिकारियों ने व्यक्ति को आगे का इलाज दिया. हालांकि डॉक्टर की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन सोशल मीडिया यूजर्स उनकी इस बहादुरी के लिए उन्हें सम्मानित करने की मांग कर रहे हैं.



पहले भी सामने आ चुका है मामला


पिछले साल एक भारतीय डॉक्टर ने यूके-भारत की फ्लाइट में दो बार दिल का दौरा पड़ने वाले मरीज को बचाया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, व्यक्ति का दिल दो बार रुक गया था और डॉक्टर को उसकी जान बचाने के लिए घंटों तक संघर्ष करना पड़ा था. डॉक्टर की पहचान विश्वराज वेमला के रूप में हुई थी. जिनके पास उस समय केवल ऑक्सीजन और एक ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर था. तब उन्होंने बताया था कि उन्होंने फ्लाइट में मौजूद यात्रियों से मदद के लिए उपकरण मांगे और व्यक्ति की जान बचाई.


सीपीआर के बारे में जानना जरुरी


ऐसी स्थिति में सीपीआर के बारे में हर किसी को जानकारी जरूर होनी चाहिए. हार्ट अटैक की स्थिति में सीपीआर की जानकारी जरूरतमंद के लिए संजीवनी की तरह काम करती है. सीपीआर का मतलब कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (Cardiopulmonary resuscitation) होता है. यह इमरजेंसी मेडिकल की लाइफ सेविंग तकनीक है. जिसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की सांस और दिल धड़कना बंद हो जाता है.


सीपीआर सीखना क्यों जरूरी है?


इसका सीधा सा जवाब है कि यह जान बचा सकता है. सीपीआर तुरंत शुरू करने से दिल का दौरा पड़ने वाले व्यक्ति के बचने की संभावना दोगुनी हो सकती है. सीपीआर कोई जटिल तकनीक नहीं है. आप इसे कुछ ही घंटों में सीख सकते हैं. सीपीआर को घर पर, सार्वजनिक स्थानों पर, या कहीं भी किया जा सकता है जहां कोई व्यक्ति को जरूरत हो.


सीपीआर कैसे दिया जाता है?


अब आपको बताते हैं कि सीपीआर कैसे दिया जाता है. जरूरतमंद को उसकी पीठ के बल लिटाएं. उसकी छाती के बीच में अपनी हथेलियों को रखें, एक हथेली दूसरे के ऊपर. अपनी कोहनी को सीधा रखें और अपने शरीर के भार का इस्तेमाल करके सीने को 2-3 इंच गहरा दबाएं. प्रति मिनट 100-120 बार की दर से 30 बार छाती को दबाएं. पीड़ित का मुंह साफ करें.. उसकी नाक को चुटकी से बंद कर लें और मुंह को पूरी तरह से ढक लें. धीरे-धीरे और समान रूप से दो सांसें दें. 30 बार छाती को दबाने और 2 बचाव की सांसों के चक्र को तब तक जारी रखें जब तक कि पीड़ित सांस लेना शुरू न कर दे.