Alligator Gar Fish: कश्मीर की डल झील में मिली मगरमच्छ जैसी मछली, देखने वाले रह गए दंग
Jammu-Kashmir News: एलीगेटर गार फिश (Alligator Gar Fish), गार फैमिली की सबसे बड़ी प्रजाति है. दिखने में किसी मगरमच्छ जैसी ये खास और दुर्लभ मछली उत्तरी अमेरिका (North America) की गहरे पानी की झीलों में ही पानी में पाई जाती हैं. ऐसे में भारत के कश्मीर की डल झील में इस मछली का मिलना किसी अजूबे से कम नहीं है.
Alligator Gar Fish Dal lake Kashmir: कश्मीर की डल झील से एक दुर्लभ और विशेष प्रजाति की मछली मिलने से लोग हैरान हैं. उत्तरी अमेरिका की झीलों में पाई जाने वाली यह विशेष प्रजाति की मछली मिलने से लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. एक्सपर्ट्स की माने तो इस मछली का नाम एलिगेटर गार (Alligator Gar Fish) है. इसके मुंह के आकार की वजह से इसे क्रोकोडाइल फिश के नाम से भी जाना जाता है. अब गार मछली को देखने के लिए लोग बड़ी दूर-दूर से आ रहे हैं.
LCMA का बयान
इस मगरमच्छ जैसी मछली (magarmach jaisi machli) को जम्मू और कश्मीर झील संरक्षण और प्रबंधन प्राधिकरण (LCMA) ने डल झील से निकाला है. जम्मू-कश्मीर LCMA के अनुसंधान और निगरानी विभाग के विशेषज्ञ मसूद अहमद ने बताया कि डल झील की सफाई के दौरान यह मछली मिली थी. मसूद ने कहा, 'मशीनें डल झील में डी-वीडिंग कर रही थीं और अचानक यह मछली मशीन पर दिखाई दी. हमने पहली बार इस तरह की मछली देखी है जिसे एलीगेटर गार के नाम से जाना जाता है. यह हम सभी के लिए आश्चर्य की बात थी. मगरमच्छ जैसी दिखने वाली इस तरह की मछली किसी ने नहीं देखी थी. हममें से ज्यादातर लोग चौंक गए थे. अब हम मत्स्य पालन विभाग की मदद से इस मछली का विश्लेषण करने जा रहे हैं. हम देखेंगे कि झील में ऐसी और मछलियां हैं या नहीं.'
कश्मीर में पहली बार
एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये मछली एक आक्रामक प्रजाति की मछली है. शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस एंड टेक्नोलॉजी कश्मीर (SKUAST-K) के फैकल्टी ऑफ फिशरीज के डीन डॉ. फारूज अहमद भट ने कहा इसे कश्मीर में पहली बार देखा गया है. डॉ फारूज ने कहा कि वैसे तो यह मछली हानिकारक नहीं है, लेकिन अभी तक हमारे पास इस पर कोई शोध नहीं है क्योंकि यह पहली बार यहां डल झील में देखी गई है. डॉ. फारूज ने कहा कि यह यहां तक कैसे पहुंचा या कश्मीर की स्थानीय मछलियों के लिए खतरनाक है या नहीं, इस पर गहरा रिसर्च किया जाएगा.
इससे पहले भोपाल में दिखी थी मगरमच्छ जैसी मछली
मगरमच्छ जैसे सिर और रेजर-नुकीले दांतों के लिए जानी जाने वाली 'एलीगेटर गार' मछली इससे पहले भोपाल के एक तालाब में पाई गई थी. तब भोपाल के मत्स्य विभाग के सहायक संचालक एसपी सैनी ने कहा था देश में बहुत कम जगह ये मछली पाई जाती है. इसके भोपाल में आने की बात करें तो बारिश के सीजन में नदियों के जरिए यहां पहुंची होगी. कुछ लोग इसके बारे में जाने बिना एक्वेरियम में पाल लेते हैं, जब ये बड़ी होने लगती है तो उसे तालाब में छोड़ देते हैं. केरल में इसका पालन किया जाता है. इसके बच्चे 1 से 2 हजार रुपये में मिलते हैं. अब इस मछली की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल (Alligator Gar Fish Video) हो रही हैं. अब इस मछली को देखने के बाद लोग इंटरनेट पर बड़ी जबरदस्त प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
एलीगेटर गार को जानिए
नेशनल ज्योग्राफिक की रिपोर्ट के मुताबिक एलीगेटर गार, गार फैमिली की सबसे बड़ी प्रजाति है. गार फिश करीब 3 मीटर तक लंबी हो सकती है. इनका वजन कम अवस्था में 5 से 10 किलो तक हो सकता है. ये खारे पानी में भी जिंदा रह सकती है. इनकी उम्र 18 से 20 साल होती है. गार मछली की बॉडी टारपीडो जैसी होती है. सामान्यत: इसका रंग भूरा या जैतून जैसा होता है. इसके बड़े-बड़े दांत होते हैं. ये जलीय जीवों को खाती है. एलीगेटर गार दिन में सुस्त और रात में चुस्त रहती है. यानी गार मछली आमतौर पर रात को शिकार करती है. जो खतरा महसूस होने पर इंसानों को भी अपने नुकीले दांतों से फाड़कर घायल कर सकती है.