नई दिल्लीः लद्दाख LAC पर चीन (China) से तनाव के बीच भारतीय सेना द्वारा रक्षा रणनीति से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. सूत्रों से खबर मिली है कि भारतीय सेना (Indian Army) अब दुश्मन देश का सामना करने के लिए पहले से ज्यादा गोला बारूद रिजर्व रखेगी. बताया जा रहा है कि चीन के साथ बॉर्डर पर चल रहे तनाव को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से भारतीय सुरक्षाबलों को 15 दिनों के सघन युद्ध के लिए अपने भंडार में अधिक हथियार और गोला बारूद रखने को कहा गया है. 


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चीन-पाक के साथ टू फ्रंट वॉर की तैयारी
दरअसल, सुरक्षा बलों को आदेश मिला है कि वह 15 दिनों के बड़े युद्ध के हिसाब से सभी जरूरी हथियार और जरूरी सामान रिजर्व रखे ताकि किसी भी मुश्किल का सामना आसानी से किया जा सके. बता दें कि भारतीय सेना चीन और पाकिस्तान के साथ टू फ्रंट वॉर की तैयारी कर रही है. लिहाजा उसी के लिए सुरक्षाबलों के हथियार और गोला बारूद में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. सेना पहले 10 दिन का गोला बारूद रखती थी. लेकिन 15 दिन के लिए भंडार रखा जाएगा. माना जा रहा है कि सरकार को सेना के लिए 50 फीसदी सामग्री अधिक प्रदान करने के लिए कुल 50,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे. भारत दुश्मन देश से युद्ध का सामना करने के लिए 2 फ्रंट वॉर की रणनीति बना रहा है. भारत, चीन और पाकिस्तान दोनों के साथ हाल के तनाव को ध्यान में रखते हुए यह तैयारी कर रहा है. 


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मनोहर पर्रिकर ने बढ़ाया था सेना का आर्थिक पैकेज
आपको बता दें कि Uri अटैक के बाद पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने तीनों सेनाओं के आर्थिक पैकेज में बढ़ोतरी की थी. पर्रिकर ने इस दौरान सेना के 100 करोड़ के आर्थिक पैकेज को 500 करोड़ कर दिया था. इसके अलावा तीनों सेनाओं को 300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड भी दिया था. ताकि किसी भी मुश्किल वक्त में सेना के जवान मुहतोड़ जवाब दे सकें. पैकेज बढ़ने के बाद ही सुरक्षा बलों के लिए अधिक हथियार, गोला-बारूद, मिसाइल सिस्टम और अन्य जरूरी उपकरण लिए गए हैं. 


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देश को कोई चोट नहीं पहुंचा सकता
रविवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने चीन के साथ चल रहे गतिरोध पर कहा कि भारत की सेना और सरकार चीन को हर मोर्चे पर शिकस्त दे रही है. चीनी सेना को भारतीय ने गलवान में भी कड़ा सबक सिखाया है और मोदी सरकार कूटनीतिक क्षेत्र में चीनी सरकार को बेनकाब करने में सफल रही है. उन्होंने कहा कि लद्दाख में लंबे समय से जारी चीनी गतिरोध में भारत की परीक्षा ली जा रही थी. देश की सुरक्षा और अखंडता पर बोलते हुए एस जयशंकर ने कहा कि देश राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौती पर खरा उतरेगा. पूर्वी लद्दाख में LAC पर हुए घटनाक्रमों को परेशान करने वाला करार देते हुए जयशंकर ने कहा कि वहां जो कुछ भी हुआ वह चीन के हित में नहीं है क्योंकि वह भारत में साख गंवाने की आशंका का सामना कर रहा है, जिसे हाल के दशकों में बड़ी सूझबूझ से विकसित किया गया था.