विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्तों के समग्र विकास का आधार सीमा पर अमन-चैन है. उन्होंने कहा, 'अब यदि वह बाधित होता है तो ऐसा नहीं हो सकता कि मकान की बुनियाद हिल जाए और बाकी ढांचा ऐसे ही खड़ा रहे. मुझे लगता है कि हम चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों के दौर से गुजर रहे हैं.'
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नई दिल्ली: भारत (India) और चीन (China) के बीच सीमा पर गतिरोध छह महीने से अधिक समय से जारी है और ऐसे में विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S. Jaishankar) ने कहा कि चिंता की बात है लेकिन समाधान निकालने के प्रयास चल रहे हैं.
दोनों देशों के बीच रिश्तों के समग्र विकास का आधार सीमा पर अमन-चैन है
मुंबई के बौद्धिक संगठन ‘गेटवे हाउस’ (Gateway House) द्वारा आयोजित एक परिसंवाद में जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्तों के समग्र विकास का आधार सीमा पर अमन-चैन है. उन्होंने कहा, 'अब यदि वह बाधित होता है तो ऐसा नहीं हो सकता कि मकान की बुनियाद हिल जाए और बाकी ढांचा ऐसे ही खड़ा रहे. मुझे लगता है कि हम चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों के दौर से गुजर रहे हैं.' जयशंकर ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि इस रिश्ते के दोनों तरफ के लोग इस बात की गंभीरता को समझते हैं कि क्या हुआ है.'
दोनों देशों के बीच हुए अनेक समझौतों का जिक्र
विदेश मंत्री ने दोनों देशों के बीच अनेक समझौतों का भी जिक्र किया जिन पर उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति बनाये रखने के लिए हस्ताक्षर किये हैं. उन्होंने कहा, ‘लिखित समझौते हैं जिनका हमने 30 साल तक पालन किया है. अगर आज बिना किसी कारण के उनका उल्लंघन किया जाता है और हमें कोई उचित वजह नहीं बताई जाती तो हमें खुद से पूछना होगा कि ये कहां जा रहे हैं.'
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काम करना हमारे कामकाज की प्रकृति है: जयशंकर
जयशंकर ने कहा, ‘चिंता की बात है लेकिन समाधानों के लिए प्रयास करते रहना और काम करना हमारे कामकाज की प्रकृति है.' उन्होंने कहा कि चीन का उदय स्वाभाविक है और वैश्विक पुन: संतुलन का हिस्सा है. जयशंकर ने खालिस्तान मूवमेंट का परोक्ष जिक्र भी किया जिनकी वजह से कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडीयू (Prime Minister Justin Trudeau) के पहले कार्यकाल में दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव आ गया था. (इनपुट भाषा)