सिर्फ रॉकेट और गोलियां.. सीरिया से फिर निकाले गए भारतीय, वापस लौटकर बताई वहां की खौफनाक दास्तां
Syria War: इससे पहले भी भारत ने अपने नागरिकों को सीरिया से निकाला है. विदेश मंत्रालय के अनुसार इससे पहले भी 77 भारतीय नागरिकों को वहां से सुरक्षित वापस लाया गया है. इनमें जम्मू-कश्मीर के 44 जायरीन भी शामिल हैं.
Indians Evacuated From Syria: युद्ध और खौफ के साए में जी रहे सीरिया से चार और भारतीय नागरिकों की सकुशल वापसी हुई है. दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर लौटे इन नागरिकों ने सीरिया के भयावह हालात बयान किए. उनका कहना था कि वहां हर तरफ रॉकेट और गोलियों की आवाजें गूंजती रहती थीं. हालांकि भारतीय दूतावास ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन्हें सुरक्षित लेबनान और फिर भारत वापस पहुंचाया. इससे पहले भी कई भारतीयों को युद्धग्रस्त सीरिया से निकाला गया है. वहां क्या हो रहा है इसे एक बार इनकी आंखों से समझना जरूरी है.
'वहां की स्थिति बहुत खराब'
असल में न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे एक भारतीय नागरिक ने कहा कि मैं 15-20 दिन पहले वहां गया था. वहां की स्थिति बहुत खराब थी. हमने भारतीय दूतावास से संपर्क किया. हमें पहले दमिश्क बुलाया गया, फिर 2-3 दिन रुकने के बाद बेरूत ले जाया गया. हर दिन रॉकेट और गोलियों की आवाजें सुनाई देती थीं. भारतीय दूतावास ने हमारी काफी मदद की और सभी सुविधाएं मुहैया कराईं.
77 नागरिकों को लाया गया
हालांकि इससे पहले भी भारत ने अपने नागरिकों को सीरिया से निकाला है. विदेश मंत्रालय के अनुसार इससे पहले भी 77 भारतीय नागरिकों को वहां से सुरक्षित वापस लाया गया है. इनमें जम्मू-कश्मीर के 44 जायरीन भी शामिल हैं, जो सैदा जैनब में फंसे हुए थे. सभी नागरिकों को लेबनान होते हुए भारत लाया गया.
नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता
इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारतीय दूतावास के कर्मचारी नागरिकों को सीरिया की सीमा तक सुरक्षित ले गए. इसके बाद लेबनान में भारतीय मिशन ने इनकी अगवानी की और आगे की यात्रा के लिए मदद की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत हमेशा अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है और दूतावास ने सुनिश्चित किया कि सभी की जरूरतों का ध्यान रखा जाए.
उधर सीरिया में इस समय हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं. विद्रोही गुटों ने राजधानी दमिश्क पर नियंत्रण कर लिया है, जिससे राष्ट्रपति बशर अल-असद को देश छोड़ना पड़ा. स्थिति इतनी खराब है कि हर दिन रॉकेट और गोलियों की गूंज से जीवन अस्त-व्यस्त है. हालांकि भारत ने अपनी तत्परता दिखाते हुए अपने नागरिकों को सुरक्षित घर पहुंचा दिया है.