नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Covid-19 2nd Wave) का प्रकोप जारी है और इस बीच तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है, जो बच्चों पर ज्यादा असर डाल सकती है. हालांकि बच्चों को कोविड-19 से बचाने के लिए नाक के टीके (Nasal Vaccine) की दूसरे और तीसरे ट्रायल की टेस्टिंग इस समय चल रही है.


गेम चेंजर साबित हो सकती है नाक की वैक्सीन: WHO


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सीएनएन-न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, 'भारत में तैयार की जा रही नाक से दी जाने वाली कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) बच्चों के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती हैं. इसे बच्चों में लगाना आसान होगा. साथ ही ये रेस्पिरेटरी ट्रैक में इम्यूनिटी बढ़ाएगी.' उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि जल्द ही हमारे पास बच्चों के लिए भी वैक्सीन होगी. हालांकि इस साल इसकी संभावना नहीं है.'


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नाक की वैक्सीन के लिए सिरिंज की जरूरत नहीं


बता दें कि इस तरह की वैक्सीन नाक के जरिए दी जाती है और इसके लिए सिरिंज की जरूरत नहीं होती है. इस वैक्सीन के जरिए नाक के जरिए डोज दी जाएगी, जो कोरोना को मात देने में कारगर साबित हो सकती है. नाक का टीका कथित तौर पर नाक के एयरवेज से शुरू होने वाले रेस्पिरेटरी पैसेज के भीतर संक्रमण की जगह पर इम्यूनिटी प्रतिक्रिया उत्पन्न करने में सक्षम है.


भारत बायोटेक कर रही नेजल वैक्सीन का ट्रायल


कोवैक्सीन (Covaxin) कोरोना वैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (WUSM) की मदद से बच्चों के लिए BBV154 नाक का टीका विकसित किया है. हैदराबाद स्थित कंपनी नेजल वैक्सीन यानी नाक के टीके का ट्रायल कर रही है. कंपनी के मुताबिक नेजल स्प्रे की सिर्फ 4 बूंदों की जरूरत होगी. नाक के दोनों छेदों में दो-दो बूंदें डाली जाएंगी. क्लीनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री के अनुसार, 175 लोगों को नेजल वैक्सीन दी गई है, जिन्हें इन्हें तीन ग्रुप में बांटा गया है. पहले और दूसरे ग्रुप में 70 वॉलंटियर रखे गए हैं और तीसरे में 35 वॉलंटियर रखे गए हैं. हालांकि ट्रायल के नतीजे अभी आने बाकी हैं.


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