नई दिल्ली : करीब 20 वर्ष बाद स्वदेश निर्मित इंसास राइफल आखिरकार सेना में सेवा से हटेगी और एक आयातित असाल्ट राइफल उसका स्थान लेगी जिसका निर्माण बाद में देश में किया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 1988 में सेना में शामिल की गई ‘द इंडियन स्माल आम्र्स सिस्टम’ (इंसास) के स्थान पर अधिक कैलिबर (7.62 गुणे 51) की घातक असाल्ट राइफल को शामिल किया जा सकता है।


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सरकार को 18 वेंडरों ने भेजा है प्रस्ताव


सूत्रों ने बताया कि करीब ऐसे 18 वेंडर हैं जिन्होंने सेना द्वारा सीमा पर और आतंकवाद निरोधक अभियानों में इस्तेमाल की जाने वाली करीब दो लाख ऐसी राइफलों को बदलने पर अपनी सहमति भेजी है। इनमें विदेशी हथियार निर्माण कंपनी से गठजोड़ वाली भारतीय कंपनियां शामिल हैं।


इंसास को सेवा से हटाने का कारण जैसा कि विशेषज्ञों ने बताया है यह है कि लंबी दूरी में यह प्रभावी नहीं है और सब सी अच्छी हालत में यह दुश्मन को पंगु बना सकती है। सूत्रों ने कहा कि 7.62 गुणे 51 असॉल्ट राइफल पहले ही पाकिस्तानी सेना में शामिल की जा चुकी है। पाकिस्तानी सेना ने उसे हेकलर एंड कोच से खरीदा था जो जर्मनी स्थित छोटे हथियार बनाने वाली विश्व की प्रमुख हथियार निर्माता कंपनी है।