नई दिल्ली: इजरायली (Israel) टेक कंपनी के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस (Pegasus spyware) के जरिए देश में पत्रकारों व अन्य विशिष्ट लोगों की जासूसी की मीडिया रिपोर्ट का भारत सरकार ने खंडन किया है. वहीं दूसरी तरफ Pegasus बनाने वाले NSO ग्रुप ने भी अपने सॉफ्टवेयर के जरिए लोगों की निगरानी से जुड़ी फ्रांस की Forbidden Stories की रिपोर्ट का खंडन किया है. 


गलत धारणाओं पर बनी रिपोर्ट: NSO 


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ज़ी न्यूज़ को भेजे अपने विस्तृत जवाब में NSO ग्रुप में कहा कि Forbidden Stories द्वारा तैयार रिपोर्ट के हवाले से भारत समेत दुनिया के कई मीडिया हाउस ने जो खबर प्रसारित की है वो गलत धारणाओं (Wrong Assumptions) पर और अपुष्ट सिद्धांतों (Uncorroborated Theories) पर तैयार की गई है. जो कि 'सूत्रों' की विश्वसनीयता पर गहरा संदेह पैदा करती है. 


साथ ही रिपोर्ट को देख कर ऐसा लगता है जैसे अज्ञात सूत्रों द्वारा दी गयी जानकारी का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है और रिपोर्ट वास्तविकता से कोसो दूर दिखाई दे रही है. मेल में आगे कंपनी के प्रतिनिधि ने लिखा, 'NSO ग्रुप रिपोर्ट में मौजूद हर दावे का पूरी तरह से खंडन करता है, क्योंकि उनका ना तो कोई तथ्यात्मक आधार है और ना ही उनकी प्रामाणिकता के लिए किसी तरह के दस्तावेज का हवाला दिया है. 


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'मानहानि का केस कर सकती है कंपनी'


NSO प्रवक्ता ने कहा उनका संस्थान इस झूठी रिपोर्ट को जारी करने वालों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करने के बारे में विचार कर रहा है. ग्रुप ने ये भी साफ किया वो अपने सॉफ्टवेयर को अपराध और आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए सिर्फ उन देशों की सरकारी खुफिया एजेंसी को बेचता है जिनका एकमात्र उद्देश्य सिर्फ लोगो की जान बचाना होता है.


'कंपनी के खंडन की वजह'


दरअसल Forbidden Stories की रिपोर्ट में बताया गया कि उनके पास मौजूद डाटा NSO के सर्वर से लीक हुआ है जबकि कंपनी के मुताबिक NSO के सर्वर पर ऐसा कोई डाटा था ही नहीं. Forbidden Stories की रिपोर्ट को खारिज करने का एक बड़ा कारण यह भी है कि जिस न्यूज़ सोर्स के आधार पर Forbidden Stories ने रिपोर्ट तैयार की है वो सब पहले से इंटरनेट पर मौजूद है. कंपनी ने अपने दवाब में इसी को आधार बनाते हुए लिखा कि जासूसी की रिपोर्ट को बनाने के लिए मीडिया हाउस ने उसी डाटा को भ्रामक तरीके से पेश किया.


इसी तरह रिपोर्ट में जिस HLR Lookup Services की बात की गई है वो कभी Pegasus या NSO ग्रुप के किसी भी प्रोडक्ट की सूची में थी ही नहीं. वहीं HLR Lookup services की सेवाएं किसी के लिए भी, कहीं भी और कभी भी खुले तौर पर उपलब्ध है जिनका इस्तेमाल आमतौर पर कुछ देशों की सरकारें या निजी कंपनिया करती हैं.


किन देशों को दी सेवाएं ये बताने से इनकार


NSO ग्रुप ने किन देशों को अपना Pegasus spyware बेचा है और क्या उसमे भारत भी शामिल है इस सवाल के जवाब में कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा और उनके साथ हुए करार की वजह से ऐसी जानकारी देने के बारे में पूरी सावधानी बरती जाती है. 


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