Jamaat e Islami Hind on Jahangirpuri Violence: दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में 16 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव पर हुई हिंसा (Jahangirpuri Violence) के बाद से राजनीति तेज है. जमात-ए-इस्लामी हिंद (JIH) के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को जहांगीरपुरी का दौरा कर मुस्लिम समुदाय के लोगों से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि यह एक सुनियोजित घटना थी और पुलिस की ढिलाई इसकी बड़ी वजह थी. 


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'जानबूझकर साजिश के साथ की गई घटना'


जमात-ए-इस्लामी हिंद (JIH) की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'जिस तरह से हिंसा (Jahangirpuri Violence) हुई, उससे साफ पता चलता है कि यह अचानक नहीं, बल्कि जानबूझकर की गई घटना थी.' जहांगीरपुरी में विजिट के दौरान मीडियाकर्मियों से बात करते हुए संगठन के उपाध्यक्ष सलीम एम्गिनेर ने इस घटना को दर्दनाक, दुखद और एक सुनियोजित साजिश का परिणाम बताया.


'माहौल खराब करने के लिए 3 बार निकाले गए जुलूस'


प्रतिनिधिमंडल ने कहा, 'उस दिन हुई हिंसा (Jahangirpuri Violence) से पहले माहौल खराब करने के लिए 2 बार जुलूस निकाले गए. इफ्तार और नमाज के ठीक समय के दौरान जब तीसरा जुलूस निकाला गया, तो कुछ लोग अचानक तेज आवाज में संगीत बजाते हुए निकल आए.'


'जुलूस में शामिल लोग लगा रहे थे भड़काऊ नारे'


सलीम ने कहा, 'स्थानीय लोगों के अनुसार, जुलूस में शामिल हुए वही लोग भड़काऊ नारे लगा रहे थे. उनमें से कुछ ने हथियारों से लैस होकर जुलूस के दौरान खुलेआम उनकी ब्रांडिंग की. प्रतिनिधिमंडल को यह भी पता चला कि जुलूस की अनुमति नहीं दी गई थी और किसी भी अप्रिय घटना को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात नहीं किया गया था.'


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'एकतरफा कार्रवाई से बचे दिल्ली पुलिस'


प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि पुलिस (Delhi Police) एकतरफा कार्रवाई से बचे और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करे और जो भी दोषी है उसके खिलाफ बिना किसी भेदभाव के कड़ी कार्रवाई करे.


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