श्रीनगर: जम्मू कश्मीर (Jammu kashmir) की आर्थिक खुशहाली को चोट पहुंचाने की पाकिस्तान की एक के बाद एक साज़िशें नाकाम हो रही है. बौखलाए पाकिस्तानी आकाओं के इशारों पर दक्षिणी कश्मीर में सेब खरीदने आये व्यापारियों की हत्याओं से कश्मीर के सेब किसानों और बाहरी राज्यों से आ रहे व्यापारियों में डर और खौफ का माहौल पैदा करने में आतंकवादी असफल हो गए हैं. कश्मीर घाटी की सोपोर मंडी के बाद राज्य की दूसरी सबसे बड़ी फ्रूट मंडी नरवाल में देश भर से आ रहे सेब व्यापारी का मेला लगा है. 


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पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार नंबर के ट्रकों में सेब भरके अपने राज्यो में ले जाने के लिए देश भर से सेब के व्यापारी राज्य में रोज़ाना पहुंच रहे हैं. नरवाल फ्रूट मंडी में सैंकड़ो की संख्या में ट्रक अपनी बारी के इंतजार में खड़े हैं.  घाटी में इस साल सेब की फसल अच्छी है, इसलिए कश्मीरी फ्रूट उत्पादक खुद भी अपनी गाड़ियां भरके सेब मंडियों तक पहुंचाने में डटे हैं. कहीं कोई डर की लहर नहीं है. सेब व्यापारियों को भरोसा है अपनी सेना और सुरक्षा बलों पर, जिनकी सुरक्षा व्यवस्था के कवच में वह बेफिक्र पकिस्तान की सेब वाली साज़िश को नाकाम कर रहे हैं. 



जम्मू कश्मीर (Jammu kashmir) में 5 अगस्त को धारा 370 हटने के बाद जो हालात पटरी से उतरे थे, वे अब सामान्य हो चले हैं. बाहिरी राज्यों से श्रमिक और व्यापारी लौटने लगे हैं. इन सबसे हताश आतंकवादी इक्का-दुक्का आतंकी वारदात से जो लोगो को डराने की साज़िश कर रहे हैं, उसके लिए सेना ने उन्हें मार गिराने की चेतावनी दे दी है.