दोस्त की जान बचाने के लिए Oxygen लेकर Bokaro से Noida पहुंचा शख्स, 24 घंटे में पूरी की 1400 KM की दूरी
ऑक्सीजन सिलेंडर मिलने के बाद देवेंद्र रविवार सुबह अपनी कार से नोएडा के लिए निकले और करीब 24 घंटे में वहां पहुंच गए. इस दौरान राज्यों की सीमा पर पुलिस ने पूछताछ की, लेकिन कारण बताने पर उन्हें जाने दिया गया. ऑक्सीजन मिलने के बाद उनके दोस्त की हालत अब सुधरने लगी है.
बोकारो: झारखंड के एक शख्स ने अपने दोस्त की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen Cylinder) लेकर 1400 किलोमीटर का सफर तय किया. बोकारो में रहने वाले देवेंद्र को जैसे ही पता चला कि नोएडा (Noida) निवासी उनके दोस्त को कोरोना हो गया है और उसे ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है, तो वह सब कुछ छोड़कर दोस्त की मदद के लिए निकल पड़े. करीब 1400 किलोमीटर का सफर तय करके वह अपनी कार से नोएडा पहुंचे और दोस्त को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई.
लगातार गिर रहा था Oxygen Level
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, देवेंद्र पेशे से शिक्षक (Teacher) हैं और नोएडा में रहने वाले उनके दोस्त रंजन अग्रवाल दिल्ली की एक आइटी कंपनी में काम करते हैं. इस समय रंजन कोरोना संक्रमित (Corona Positive) हैं और उनका इलाज चल रहा है. जब रंजन का ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरता गया, तो डॉक्टरों ने परिवार से तुरंत ऑक्सीजन की व्यवस्था करने को कहा. परिवार ने कई जगह प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली. इस बीच, देवेंद्र को रंजन की स्थिति के बारे में पता चला, तो वह तुरंत ऑक्सीजन के इंतजाम में जुट गए.
Oxygen के लिए कई जगह मांगी सहायता
हालांकि, देवेंद्र को भी ऑक्सीजन की व्यवस्था करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. उन्होंने बोकारो में कई प्लांट और सप्लायर का दरवाजा खटखटाया, लेकिन बिना खाली सिलेंडर के कोई भी ऑक्सीजन देने को तैयार नहीं हुआ. इसके बाद देवेंद्र ने एक अन्य मित्र की मदद से बियाडा स्थित झारखंड इस्पात ऑक्सीजन प्लांट के संचालक से संपर्क कर उन्हें परेशानी बताई, तो वह सहायता के लिए तैयार हो गए. देवेंद्र ने तुरंत प्लांट से जंबो सिलेंडर लिए और नोएडा के लिए निकल पड़े.
Police ने कारण सुनकर जाने दिया
रिपोर्ट के अनुसार, जंबो सिलेंडर के लिए देवेंद्र कुल 10 हजार रुपये का भुगतान किया, जिसमें 400 रुपये ऑक्सीजन की कीमत और 9600 रुपये सिलेंडर की सिक्योरिटी मनी थी. ऑक्सीजन सिलेंडर मिलने के बाद देवेंद्र रविवार सुबह अपनी कार से नोएडा के लिए निकले और करीब 24 घंटे में वहां पहुंच गए. इस दौरान राज्यों की सीमा पर कई बार पुलिस ने पूछताछ की, लेकिन कारण बताने पर उन्हें जाने दिया गया. ऑक्सीजन मिलने के बाद रंजन की हालत अब सुधरने लगी है.