Joshimath Sinking Crisis: उत्तराखंड के हिमालयी शहर जोशीमठ में में घरों में गहरी दरारें दिखाई देने के बाद लोगों में दहशत फैल गई है. घटना के बाद आज शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जब जोशीमठ पहुंचे तो गुस्साए लोग उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे. लोगों ने सीएम धामी के खिलाफ नारेबाजी भी की.


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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लेने के लिए जोशीमठ का शनिवार को दौरा किया. अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने प्रभावित लोगों से भेंट की और उन्हें सभी तरह की सहायता का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन अधिकारियों एवं विशेषज्ञों के दल से भी मुलाकात की जो बृहस्पतिवार से ही इस शहर में स्थिति की निगरानी कर रहा है.


अधिकारियों ने बताया कि धामी ने लोगों को जोशीमठ से सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया के बारे में भी उनसे बात की. उल्लेखनीय है कि बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली जैसे प्रसिद्ध स्थलों का प्रवेश द्वार जोशीमठ आपदा के कगार पर खड़ा है. आदि गुरु शंकराचार्य की तपोभूमि के रूप में जाना जाने वाला जोशीमठ धीरे-धीरे दरक रहा है और इसके घरों, सड़कों तथा खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ रही हैं. कई मकान धंस गए हैं.


उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में घरों और इमारतों में आई दरार ने खतरे की घंटी बजा दी है. भूस्खलन, भूकंपीय गतिविधि और अनियोजित विकास के घातक मिश्रण के कारण जोशीमठ खतरे में आ गया है.


स्थानीय लोगों की दहशत और विरोध के बीच, पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को हिमालयी शहर में आपदा को रोकने के लिए कई उपायों का आदेश दिया. मुख्यमंत्री के निर्देश पर जोखिम वाले घरों में रह रहे 600 परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाना है.


एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना और मारवाड़ी-हेलंग बाईपास मोटर मार्ग को प्रशासन के अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है. इसके साथ ही सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए जोशीमठ-औली रोपवे को बंद कर दिया गया है. शहर के इलाकों में हो रहे निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी गई है.


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(एजेंसी इनपुट के साथ)