Amit Shah on Kanjhawla Case: कंझावला केस पर दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंप दी है. रिपोर्ट में 3 पीसीआर और दो पुलिस पिकेट को लापरवाही का दोषी पाया गया है. पुलिस ऑफिसर शालिनी ने यह रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी है. इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस कमिश्नर से कहा है कि मामले में शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो. साथ ही लापरवाही के जिम्मेदार पुलिस अफसरों पर भी एक्शन लिया जाए. कंझावला केस में गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को तीन अहम निर्देश दिए हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गृह मंत्रालय ने कहा है कि वारदात के वक्त जो पीसीआर वैन तैनात थीं जिनकी तादाद तीन है उनमें मौजूद पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए. जिस वक्त वारदात हुई इलाके के डीसीपी स्पष्टीकरण दें कि कानून व्यवस्था के क्या इंतजाम है. वारदात की जगह के आसपास इलाकों में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की जाए. सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने इस बाबत रिपोर्ट तैयार की थी. रिपोर्ट मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने ये अहम आदेश दिल्ली पुलिस को दिए. कंझावला मामले के बाद गृह मंत्री अमित शाह के आदेश पर गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी. वरिष्ठ अधिकारी शालिनी सिंह को रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया था. इस रिपोर्ट के मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने यह महत्वपूर्ण आदेश दिया है.


आरोपी आशुतोष की याचिका खारिज


इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को कंझावला मौत के मामले में आरोपी आशुतोष भारद्वाज की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल ने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए, तथ्य यह है कि जांच शुरुआती चरण में है और आरोपियों के खिलाफ कथित अपराध विशेष रूप से सत्र न्यायालय की ओर से विचारणीय हैं, इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती. अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) अतुल श्रीवास्तव के अनुसार, आशुतोष भारद्वाज ने सबूतों से छेड़छाड़ की और सह आरोपी दीपक कार चला रहा था. अतिरिक्त लोक अभियोजक ने कहा कि जब भारद्वाज स्वतंत्र व्यक्ति थे तो उन्होंने मामले की जांच को गुमराह किया. वह भविष्य में फिर से गुमराह कर सकते हैं.


कोर्ट ने 14 दिन के लिए भेजा था जेल


अदालत ने नौ जनवरी को छह आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. आरोपियों की पहचान भारद्वाज के अलावा दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल के रूप में हुई है. ये सभी दिल्ली के बाहरी इलाके में एक जनवरी को तड़के सड़क दुर्घटना में मारी गई एक महिला की मौत के मामले में आरोपी हैं. कार ने महिला को लगभग 12 किमी तक घसीटा था, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई थी.


सूत्रों के अनुसार, कार मालिक भारद्वाज और अमित के भाई अंकुश खन्ना की पांचों आरोपियों से बातचीत हुई थी और अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने के कारण दीपक को पुलिस को यह बताने के लिए कहा गया था कि घटना के समय वह ड्राइविंग सीट पर था.


पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं