'पीएम पैकेज' के तहत काम करने वाले कश्मीरी पंडित अपने वेतन के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ये वो कश्मीरी पंडित हैं जो बिना वेतन के पिछले 284 दिनों से काम कर रहे हैं. उन्हें केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से उम्मीद है कि महाशिवरात्री के मौके पर मोदी सरकार उनके वेतन को जारी करेगी और साल के अपने सबसे बड़े त्योहार का जश्न मना सकेंगे. 18 फरवरी को देशभर में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा. कश्मीरी पंडितों के लिए ये त्योहार सबसे बड़ा माना जाता है.


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सैकड़ों कश्मीरी प्रवासी पीएम पैकेज कर्मचारियों और आरक्षित श्रेणी के कर्मचारियों ने सोमवार को भी वेतन के अपने मांग को दोहराया. कर्मचारियों ने इस बाबत राजभवन को भी ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने कश्मीर से जम्मू के सुरक्षित वातावरण में ट्रांसफर करने की अपनी मांग को दोहराते हुए विरोध प्रदर्शन किया. कश्मीरी पंडितों ने 18 फरवरी को मनाए जाने वाले 'महाशिवरात्रि' के त्योहार के मद्देनजर अपने लंबित वेतन को तत्काल जारी करने की भी मांग की.


कश्मीरी पंडितों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. एक तरफ वो वेतन के इंतजार में हैं तो दूसरी तरफ वो आतंकियों के निशाने पर भी हैं. पिछले साल आतंकियों ने घाटी में कई कश्मीरी पंडितों को मौत के घाट उतार दिया था. कश्मीरी पंडित लगातार अपनी सुरक्षा को लेकर आवाज उठा रहे हैं. उनका आरोप है कि सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर भी सजग नहीं है.


पीएम पैकेज के तहत काम करने वाले कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें जम्मू में ट्रांसफर किया जाए और महाशिवरात्रि त्योहार के मद्देनजर 284 दिनों से पेंडिंग वेतन भी दिया जाए. बिना वेतन काम करने की वजह से उन्हें तमाम तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.


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