Saffron In J&K: कश्मीर का केसर, जिसे लाल सोना भी कहा जाता है, दुनिया के सबसे महंगे मसालों में से एक है. जम्मू-कश्मीर में केसर की खेती के तहत लगभग 4000 हेक्टेयर भूमि है. विशेषज्ञों का कहना है कि कश्मीरी केसर विश्व बाजार में सबसे अच्छी गुणवत्ता का है और नई एक्सपोर्ट नीति के साथ यह ईरानी और अफ़ग़ानी केसर को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में टक्कर देगा. असल में जम्मू-कश्मीर कृषि विभाग का कहना है कि अगले दो महीनों के भीतर देश में नई एक्सपोर्ट नीति लागू हो जाएगी, जिससे घाटी के केसर उत्पादकों को बड़ा बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के केसर किसानों के लिए एक नया युग की शुरुआत साबित होगी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

घाटी का केसर दुनिया भर में प्रसिद्ध
कश्मीर कृषि निदेशक चौधरी मुहम्मद इकबाल ने कहा कि कश्मीर घाटी का केसर दुनिया भर में प्रसिद्ध है. सर्वोत्तम गुणवत्ता होने का एक मुख्य कारण जलवायु परिस्थितियां हैं. हम जहां केसर का उत्पादन बढ़ाने पर काम कर रहे हैं, वहीं हम निर्यात नीति पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर ने एक एक्सपोर्ट नीति बनाई है, और हमने उन देशों को भी सूचीबद्ध किया है जहां हम अपनी उपज बेच सकते हैं. बड़े से लेकर छोटे देशों तक हम जीआई टैग वाला केसर बेच रहे हैं. लगभग 61 देश हैं जिन पर हम ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.


कीमतों में जबरदस्त इजाफा
घाटी का केसर राष्ट्रीय नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय ब्रांड है. यह दवा बनाने वाली कंपनियों को भी बेचा जा रहा है और सांस्कृतिक-धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान भी इसका महत्व है. वहीं जीआई टैग मंजूरी के बाद कश्मीरी केसर की कीमतों में जबरदस्त इजाफा हुआ है. 60 हज़ार से बढ़कर इसकी क़ीमत 2.5 लाख प्रति किलो तक पहुंच गई है.


सरकार की नई एक्सपोर्ट नीति
पिछले दशकों में कश्मीर घाटी में केसर की खेती की भूमि लगभग 5000 हेक्टेयर से घटकर लगभग 4000 हेक्टेयर भूमि पर आ गया था. लेकिन अब जबकि सरकार एक नई एक्सपोर्ट नीति लेकर आ रही है, वे केंद्र शासित प्रदेश के हर जिले में केसर उगाना भी सुनिश्चित कर रहे हैं. लगभग 90 प्रतिशत केसर पुलवामा जिले के पंपोर क्षेत्र में उगाया जाता है और अब सरकार ने विभिन्न जिलों में भूमि की पहचान की है जो केसर की खेती के लिए उपयुक्त हैं.


खेती का क्षेत्र कम
मुहम्मद इक़बाल ने आगे कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि केसर की खेती का क्षेत्र कम हो गया है लेकिन हम जो कर रहे हैं वह धीरे-धीरे अन्य क्षेत्रों में बढ़ रहा है. हम इस हेरिटेज फसल को सुरक्षित करना चाहते हैं और जगह बढ़ाना सुनिश्चित करना चाहते हैं और उन क्षेत्रों की पहचान करना चाहते हैं जहां केसर की खेती के लिए सबसे अच्छी जलवायु स्थितियां हैं, उन्हें उसी खेती के तहत लाया जाएगा.


किसानों की आमदनी बढ़ेगी
जम्मू-कश्मीर सरकार का कहना है कि नई एक्सपोर्ट नीति से युवा पीढ़ी केसर की खेती की ओर आकर्षित होगी क्योंकि इससे किसानों की आमदनी चौगुनी हो जाएगी. कश्मीर घाटी का केसर दुनिया भर में प्रसिद्ध है और जम्मू-कश्मीर पूरी दुनिया में केसर का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है.