Kerala: पर्यावरण दिवस पर हुआ था नशीले पौधों का प्लांटेशन, आरोपियों को तलाश रही पुलिस
अधिकारियों के मुताबिक, पर्यावरण दिवस के मौके पर कई संगठनों ने पेड़-पौधे लगाने का काम किया. इस दौरान कुछ युवा यहां पर इकट्ठे हुए जिन्होंने यहां पर गांजे के पौधे लगाए थे. पुलिस को जानकारी मिली है कि पौधे लगाने वाले युवकों में एक की क्रिमिनल हिस्ट्री है.
तिरुवनंतपुरम: विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के मौके पर केरल (Kerala) के कोल्लम में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. धरती और प्रकति को बचाने की मुहिम में जब पूरे देश में बड़े पैमाने पर पौधारोपण हो रहा था तभी वहां कुछ लोग इस अभियान का मजाक उड़ा रहे थे. दरअसल जिले के कुछ युवकों ने सड़क के किनारे गांजे के कई पौधे लगा कर सभी को हैरान कर दिया.
आबकारी विभाग की जांच जारी
कोल्लम के कंडाचिरा में इस बात की खबर मिलते ही आबकारी विभाग की टीम ने अपनी पड़ताल शुरू की. सर्च ऑपरेशन में अधिकारियों को भांग के कुछ पौधे मिले जिन्हें उसी दिन रोपा गया था. छापेमारी के दौरान जो पौधे अधिकारियों को मिले, वो 15 से 30 सेंटीमीटर लंबे थे.
अधिकारियों के मुताबिक, 5 जून को पर्यावरण दिवस के मौके पर कई लोगों, संगठनों ने पेड़-पौधे लगाने का काम किया. इस दौरान कुछ युवा यहां पर इकट्ठे हुए जिन्होंने यहां पर ये पौधे लगाए थे. पुलिस को जानकारी मिली है कि पौधे लगाने वाले युवकों में एक ऐसा शख्स भी है, जिसकी पहले से क्रिमिनल हिस्ट्री रही है. अब स्थानीय पुलिस सभी आरोपियों की पड़ताल कर रही है.
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स्टेशन के पास का मामला
द न्यूज़ मिनट की रिपोर्ट के मुताबिक नशे की पौध कुरीशदी जंक्शन से बाईपास रोड की ओर जाने वाले लेन के किनारे पाई गई थी. आबकारी विभाग को इसकी खबर लगने से पहले स्थानीय लोगों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को सूचना दी. कुछ और जगहों पर भी गांजे के पौधे लगाने की खबर मिली थी लेकिन वो जांच टीम के पहुंचने के पहले ही हटा दिये गए.
इस बीच मामले की गंभीरता को देखते हुए कई थानों की पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है. सहायक आबकारी आयुक्त बी सुरेश ने मीडिया को बताया कि इसमें शामिल लोगों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा. विभाग की एक बड़ी टीम केस की जांच कर रही है.
केरल में यहां होती है गांजे की खेती
इडुक्की, केरल की खूबसूरत जगहों में से एक है. लेकिन ये कम लोगों को पता होगा कि यहां गांजे की सबसे ज्यादा वैरायटी मिलती है. इसे इडुक्की गोल्ड के नाम से भी जाना जाता है. इसे ये नाम इडुक्की के पहाड़ी इलाकों की वजह से मिला, जहां इसकी खेती बहुत ज्यादा होती है. इस पर मलयालम भाषा में एक फिल्म भी बन चुकी है.
गौरतलब है कि देश में गांजे और भांग की खेती पर प्रतिबंध है. इसके बावजूद देशभर में बड़ी तादाद में नशीली पौध जब्त की जाती है. आपको बताते चलें कि देश में कई बार इन पौधों की खेती को लीगल करने की मांग हो चुकी है.
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