Khalisthan supporter: खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल का करीबी लवप्रीत तूफान थाने से रिहा हो गया. समर्थक गुरुवार को अजनाला पुलिस स्टेशन पर लाठी-डंडे बंदूक और तलवार लेकर अंदर घुस गए. थाने में इतनी बड़ी संख्या में समर्थकों के आने से पुलिस के भी पसीने छूट गए. पुलिस ने आनन-फानन में लवप्रीत तूफान को छोड़ने का फैसला ले लिया. मामला ज्यादा बढ़ता कि उससे पहले ही समर्थक पुलिस के हाथों उसे छुड़ाकर ले गए. हालांकि पुलिस को बवाल होने के संकेत पहले ही मिल गए थे. इसके कारण पुलिस ने पहले से ही काफी कुछ तैयारियां कर ली थीं. मगर इतनी बड़ी संख्या में समर्थक एक साथ थाने पहुंचेंगे ये अंदाजा शायद पुलिस को भी नहीं था. इस कारण पुलिस को समर्थकों के आगे झुकना पड़ गया.


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लगे हैं ये आरोप


बताते चलें कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों पर चमकौर साहिब निवासी वरिंदर सिंह को अगवा करने और उनके साथ मारपीट, लूटपाट करने के आरोप लगे हैं. वरिंदर सिंह ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया था कि अमृतपाल सिंह के साथियों ने उसे अजनाला से अगवा कर लिया था और एक अज्ञात स्थान पर ले गए, जहां पर उसकी बेरहमी से पिटाई की. उसके बाद उसके साथ लूटपाट भी की. विरोध करने पर भी उसे पीटा.


इस शिकायत पर पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों पर केस दर्ज किया था. मामले में पुलिस ने अमृतपाल के एक करीबी समर्थक लवप्रीत तूफान को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. जिसके बाद अमृतपाल सिंह के समर्थक आक्रोशित हो गए और वह बंदूक, डंडे, तलवारों के साथ अजनाला थाने पहुंच गए, जहां समर्थकों ने लवप्रीत तूफान को छोड़ने की मांग की. पुलिस ने छोड़ने से इनकार किया तो समर्थकों ने हंगामा करना शुरूकर दिया. भारी संख्या में पहुंचे समर्थकों ने थाने के बाहर जमकर नारेबाजी की. इस दौरान पूरा माहौल गर्मा गर्मी वाला हो गया था, जिसके चलते पुलिस ने लवप्रीत को छोड़ने का निर्णय लिया. जैसे ही लवप्रीत को छोड़ने की बात पुलिस ने कही वैसे ही समर्थक उसे अपनी गाड़ी में बैठाकर थाने से रवाना हो गए.


घटना में लवप्रीत का भी हाथ सामने आया


पुलिस ने बताया कि जो भी सबूत हाथ लगे हैं. उससे साफ है कि घटना के वक्त लवप्रीत भी वहां पर मौजूद था. ऐसे में उसके खिलाफ भी केस बनता है. इसी कारण उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही थी. इस मामले को लेकर काफी तनाव फैला हुआ है. लवप्रीत के समर्थकों ने थाने का घेराव ही नहीं किया बल्कि पुलिस के साथ भी बदतमीजी और धक्का-मुक्की की, जिसमें 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए.


हम खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकते


रिहा होने के बाद लवप्रीत ने कहा कि हम सिख समाज का दिल से शुक्रिया अदा करते हैं और उन ऑफिसर का भी शुक्रिया करते हैं जिन्होंने हमें अच्छे तरीके से रखा. वहीं अमृतपाल सिंह ने कहा कि हम खालिस्तान के मामले को बहुत शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं, जब लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते तो हम खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि दिवंगत पीएम इंदिरा गांधी को खालिस्तान का विरोध करने की कीमत चुकानी पड़ी थी. हमें भी कोई नहीं रोक सकता है.


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