प्रयागराज में जनवरी से आयोजित होने वाले महाकुंभ की चर्चा देश-दुनिया के हर कोने में हो रही है. इन सबके बीच एक कुर्मी जातिगत समुदाय का महाकुंभ रविवार को अयोध्‍या में आयोजित हुआ. अयोध्‍या के सियासी फलक पर इस समुदाय की अनदेखी को लेकर इसका आयोजन हुआ. पार्टी लाइन से इतर सभी दलों के इस समुदाय से ताल्‍लुक रखने वाले नेताओं ने इस कार्यक्रम में हिस्‍सा लिया. इस समुदाय का कहना है कि पिछले दो दशकों से यहां की विधानसभा या संसदीय क्षेत्र में कुर्मी ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्‍व देखने को नहीं मिला जबकि यहां पर इनकी बड़ी संख्‍या है. लोकसभा में अयोध्‍या-फैजाबाद सीट से 1999 में आखिरी बार इस समुदाय से ताल्‍लुक रखने वाले बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता विनय कटियार की चुनावी जीत हुई थी. 


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हालांकि इस समागम की टाइमिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं क्‍योंकि अयोध्‍या की मिल्‍कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. सपा नेता अवधेश प्रसाद के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस सीट पर उपचुनाव होगा. हालांकि द इंडियन एक्‍सप्रेस की इस रिपोर्ट के मुताबिक आयोजकों ने इस प्रोग्राम और चुनाव के बीच किसी भी प्रकार के कनेक्‍शन से इनकार किया है. 


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फैजाबाद क्षेत्र के कुल 18 लाख वोटरों में से कुर्मियों की संख्‍या 2.38 लाख है. ये समुदाय प्रमुख रूप से खेती-किसानी से जुड़ा है. अयोध्‍या में लखनऊ-फैजाबाद हाइवे से पांच किमी दूर पूरे काशीनाथ गांव में इस प्रोग्राम को रविवार को आयाजित किया गया. एक अनुमान के मुताबिक इस तरह के पहले आयोजन में करीब 50 हजार लोग पहुंचे. आयोजकों की मांग ये थी कि अयोध्‍या के राजनीतिक फलक में कुर्मी समुदाय को भी प्रतिनिधित्‍व मिले. 


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प्रोग्राम में आए लोगों का कहना था कि विनय कटियार के बाद कुर्मी समाज के किसी भी अन्‍य नेता को यहां से टिकट नहीं मिला. यहां की 15 प्रतिशत आबादी में हिस्‍सेदारी रखने वाले इस समुदाय का यहां तक किसी भी दल से कोई जिलाध्‍यक्ष भी नहीं बना. फैजाबाद के अलावा आस-पास के अन्‍य जिलों से भी इस समुदाय के लोगों ने प्रोग्राम में हिस्‍सा लिया.