नई दिल्लीः रेलवे होटल टेंडर मामले में गुरुवार को राजद प्रमुख लालू यादव शुक्रवार को सीबीआई के समक्ष पेश हुए. लालू यादव शुक्रवार सुबह दिल्ली में सीजीओ कॉम्पलेक्स स्थित सीबीआई हेडक्वार्टर पहुंचे. इसी मामले में उनके बेटे तेजस्वी यादव से सीबीआई छ अक्टूबर को पूछताछ करेगी. इससे पहले सीबीआई दोनों नेताओं को पूछताछ के लिए 4 और 5 अक्टूबर को बुलाया था. लेकिन इन तारीखों पर उन्होंने पेश होने पर असमर्थता जताई थी.



COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गौरतलब है कि इससे पहले सीबीआई की 27 अधिकारियों की टीम ने लालू प्रसाद यादव के 12 ठिकानों पर कुछ समय पहले छापेमारी की थी. इस दौरान राबड़ी देवी, उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव समेत 7 लोगों से घंटों पूछताछ की गई. आपको बता दें कि आईआरसीटीसी के दो होटलों की देखरेख का जिम्मा 2006 में निजी फर्म को सौंपे जाने के संबंध में सीबीआई पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव से पूछताछ करना चाहती है. इस सौदे में हुए कथित भ्रष्टाचार के संबंध में दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी में तेजस्वी को भी आरोपी बनाया गया है. आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू ने बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी की देखरेख का जिम्मा एक निजी फर्म सुजाता होटल को सौंपा और बदले में एक बेनामी कंपनी के जरिए तीन एकड़ की महंगी जमीन के रूप में दलाली ली। सुजाता होटल का स्वामित्व विनय और विजय कोचर के पास है.


यह भी पढ़ें: 1000 करोड़ की बेनामी संपत्ति मामला: लालू यादव के 22 ठिकानों पर IT के छापे


इसके अलावा बीते 16 मई को आयकर विभाग ने लालू प्रसाद यादव और उनसे जुड़े लोगों के 22 ठिकानों पर छापा मारा. इसमें तेजस्वी के नाम पर हुई संपत्तियों की लेन देन की भी जांच हुई. दरअसल बीजेपी नेता ने उन पर आरोप लगाया था कि पटना में जहां लालू परिवार का मॉल बन रहा है, वह जमीन पार्टी नेता प्रेमचंद गुप्ता ने लालू के बेटों के नाम की है. प्रेम गुप्ता की कंपनी के पास इस मॉल का मालिकाना हक था और बाद में उसने इसे लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी और उनके बेटों तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के नाम कर दिया गया. अब लालू ,उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप यादव, बेटी मीसा और उनके पति शैलेश लगभग 1000 करोड़ की बेनामी संपत्ति के मामले में घिरे हैं.