NEET Paper Leak Lok Sabha News: लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही आज विपक्षी दलों ने NEET पेपर लीक पर चर्चा की मांग की. सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी खड़े हो गए और उन्होंने अपनी बात रखनी चाही. उस समय शायद माइक ऑन नहीं था या आवाज नहीं आई तो विपक्षी सदस्य माइक-माइक चिल्लाने लगे. सवाल उठने लगे कि क्या राहुल गांधी का माइक बंद था? इस पर स्पीकर ने कहा कि माइक मैं बंद नहीं करता हूं. यहां कोई बटन नहीं होता है. आगे राहुल गांधी को खड़ा देख स्पीकर ने कहा कि आपको पहले ही बता चुका हूं कि आप सारे विषय अभिभाषण चर्चा में रखें, रिकॉर्ड में नहीं जाएगा इसलिए... राहुल ने उन्हें रोकते हुए बोलना शुरू किया. 


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हम सरकार और विपक्ष की ओर से...


कांग्रेस सांसद ने कहा कि नहीं सर, हिंदुस्तान के जो स्टूडेंट्स हैं उनको हम संयुक्त मैसेज देना चाहते हैं. विपक्ष और सरकार की तरफ से कि इस मुद्दे को हम जरूरी मानते हैं इसलिए हमने सोचा था कि आज स्टूडेंट्स की रेस्पेक्ट करने के लिए हम NEET पर चर्चा करें. 


दरअसल, आज विपक्ष की तरफ से स्थगन प्रस्ताव दिया गया था. स्पीकर ने कहा कि स्थगन प्रस्ताव राष्ट्रपति के अभिभाषण में नहीं चलेगा. ये आपको पहले ही बताया गया है. राष्ट्रपति अभिभाषण में आप सभी मुद्दे उठा सकते हैं. आप संक्षेप नहीं, डीटेल में चर्चा कीजिए. हालांकि विपक्षी सदस्य नहीं माने और शोर शुरू हो गया. कार्यवाही स्थगित हो गई. 12 बजे दोबारा वही हुआ. आखिर में लोकसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. 



दूसरी तरफ उच्च सदन में भी नीट पर चर्चा के लिए नोटिस दिया गया था. कांग्रेस की रंजीत रंजन और सैयद नासिर हुसैन समेत विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत राज्यसभा में चर्चा कराए जाने की मांग की थी. विपक्षी सांसद चाहते थे कि नियम 267 के अंतर्गत सदन के दूसरे कार्यों को स्थगित कर इन मुद्दों पर चर्चा कराई जाए. हालांकि सभापति जगदीप धनखड़ ने इसकी अनुमति नहीं दी. 


पूर्व पीएम देवगौड़ा ने उठाया NEET का मुद्दा


दोपहर 12 बजे के बाद राज्यसभा में पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा खड़े हुए और उन्होंने खुद नीट पेपर लीक का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि इस मामले में कई गिरफ्तारियां हुई हैं. केंद्र सरकार का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष को हालात समझना चाहिए. पेपर लीक बड़ा मसला है लेकिन जांच जारी है. विपक्ष के हंगामे के बीच भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हमने तीसरी बार स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाई और मोदी तीसरी बार बहुमत के साथ पीएम बने. नेहरू और मोदी की बराबरी नहीं हो सकती.