Kota News: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक डॉ. इंद्रेश कुमार ने वक्फ (संशोधन) बिल 2024 का विरोध करने वालों पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आज वक्फ को लेकर गहमा गहमी है. आजादी के बाद वक्फ को लेकर कांग्रेस राज में तीन बार संशोधन हुए हैं. पहला नेहरू, दूसरा नरसिम्हा राव व तीसरा मनमोहन सिंह के समय संशोधन हुआ. उन सब के कारण वक्फ आज वेलफेयर के बजाय माफिया का अड्डा बन गया है. डॉ. इंद्रेश कुमार ने कोटा में कार्यकर्ता सम्मेलन को भी संबोधित किया.
मुसलमानों को झूठ बोलकर भड़का रहे विरोधी
उन्होंने कहा कि आज विरोधी झूठ बोलकर भड़का रहे हैं कि सरकार सम्पत्तियों, कब्रिस्तानों की जमीनों पर कब्जा कर लेगी. जबकि आज का अधिनियम पारदर्शिता के लिए है. ताकि वक्फ की संपत्ति व इनकम पारदर्शी होकर सामने आ सकें. दूसरा वक्फ बोर्ड के एक तरफा फैसले के कारण जिन मुसलमानों शोषण हो रहा था, उससे उनका बचाव हो, जो माफिया द्वारा सम्पत्ति हड़पी गई है, वो लूटमार बंध हो.
वक्फ के लिए अलग से व्यवस्था क्यों?
उन्होंने कहा कि जब सभी धर्मों के धार्मिक सम्पत्ति केस कानून में निपटते हैं तो वक्फ के लिए अलग से व्यवस्था क्यों? यह व्यवस्था खड़ी की गई है, इस पर बंधन क्यू. क्योंकि उसका फैसला खुदा से भी बड़ा है. एक तरह ये खुदा विरोधी व इस्लाम विरोधी व्यवस्था है. इसलिए सब लोगों की डिमांड है कहीं ना कहीं उनके फैसले के आगे कोर्ट के फैसले के लिए रास्ता खोलने चाहिए. ऐसा अधिनियम जो पारदर्शी हो, जिसमें संपत्ति का विवरण, आय का विवरण हो. वेलफेयर वाला हो.
मुसलमानों की हिफाजत के लिए लाया गया बिल
उन्होंने आगे कहा कि माफियाओं और शोषण से आम मुसलमान की हिफाजत के लिए यह बिल लाया गया है. वक्फ बोर्ड वेलफेयर का सिंबल बने ना कि माफियाओं का अड्डा. इस बिल को लेकर जेपीसी के पास सुझाव आएंगे, उन पर विचार होगा. हो सकता है सुझाव की प्रक्रिया और बड़ी चले. ये आने वाला कल ही बताएगा. जनता क्या कह रही है, जनता ने विरोध ऑर्गेनाइज किया या सेल्फ होकर समर्थन किया. पर एक आवाज तो पक्की है वक्फ माफिया के प्रति सभी मुसलमान में बहुत भारी नाराजगी है.
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