भोपाल: मध्य प्रदेश के विभिन्न विभागों में करीब 90 हजार पद खाली हैं. जिन पर नियुक्तियां पिछले तीन वर्षों से नहीं की जा रही हैं. इनमें कुछ विभाग ऐसे भी हैं, जहां भर्ती प्रक्रिया पूरी कराने के बाद अभ्यर्थियों को नियुक्तियां नहीं दी गईं. भर्तियां नहीं होने की वजह से प्रदेश के युवा परेशान हैं, उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वे क्या करें? 


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पिछले तीन वर्षों में सियासी उठापटक के बाद सरकारें तो बदल गईं, लेकिन बेरोजगार युवाओं के लिए सरकारों ने कोई बड़ा कदम नहीं उठाया. आज आलम यह है कि प्रदेश के अधिकतर युवाओं की आयुसीमा सामाप्त हो चुकी है. जिसकी वजह से वे सरकार से आस भी छोड़ चुके हैं. निजी एजेंसियों के मुताबिक प्रदेश में इस वक्त डेढ़ करोड़ बेरोजगार हैं.


वहीं, राज्य सरकार के रोजगार पोर्टल पर करीब 35 लाख बेरोजगार रजिस्टर्ड हैं. इनमें 90 फीसदी मप्र के मूल निवासी हैं. सरकार की पहल पर रोजगार मेला तो लगवाया जाता है. लेकिन कंपनियां रोजगार नहीं देती हैं.


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बीते दिनों भी राजधानी भोपाल के गोविंदपुरा में मंगलवार को रोजगार मेले का आयोजन हुआ. जिसमें करीब तीन हजार आवेदकों ने भाग लिया. इसमें 20 से अधिक कंपनियों ने इंटरव्यू भी लिए. हालांकि अभी तक रिजल्ट नहीं बताया गया है.


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