Waraseoni Chunav Result 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नजीते घोषित हो गए हैं. एमपी में इस बार भी बीजेपी ने भारी मतों से जीत हासिल की. यहां हम आपको बालाघाट जिले की वारासिवनी विधानसभा सीट का रिजल्ट (waraseoni Vidhan Sabha Result) बता रहे है.
Trending Photos
Waraseoni Assembly Election Result: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नजीते घोषित हो गए हैं. एमपी में इस बार भी बीजेपी ने भारी मतों से जीत हासिल की. बात बालाघाट जिले की वारासिवनी विधानसभा सीट की करें तो यहां कांग्रेस के विक्की पटेल ने जीत हासिल की. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप जयसवाल को हराया. बता दें कि राज्य में कुल 77.15 फीसदी मतदान हुआ है. ये साल 2018 के चुनावों के मुकाबले 2 फीसदी ज्यादा है. आइये जानते हैं बालाघाट जिले की वारासिवनी विधानसभा (Balaghat News) में जनता ने किस पक्ष में मतदान किया है और यहां के समीकरण के साथ चुनावी इतिहास क्या है.
2023 चुनाव परिणाम
वारासिवनी विधानसभा सीट पर कांग्रेस के विक्की पटेल ने बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप जयसवाल को हराकर जीत दर्ज की. विक्की पटेल पटेल को 79597 वोट मिले. वहीं प्रदीप अमृतलाल जायसवाल को 78594 वोट डले.
कौन-कौन है प्रत्याशी
बालाघाट की वारासिवनी से विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी ने प्रदीप जयसवाल को मैदान में उतारा है. उनके सामने कांग्रेस ने विक्की पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है. चुनाव कैंपेन के दौरान दोनों दलों में कड़ी टक्कर देखने को मिली थी. अब परिणाम में जनता का फैसला साफ है.
कितना हुआ है मतदान
विधानसभा चुनाव के लिए पूरे मध्य प्रदेश के साथ ही बालाघाट में 17 नवंबर को मतदान हुआ था. इसमें इलाके की जनता ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और अगली सरकार में सहभागिता के लिए अपने विधायक का चुनाव किया. बालाघाट जिले की वारासिवनी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां कुल 85.44 फीसदी मतदान हुआ.
2018 चुनाव परिणाम
2008 के चुनाव में, कांग्रेस के प्रदीप जायसवाल 50,984 वोट पाकर विजेता बने, उन्हें कुल वोटों का 41.77% हासिल हुआ था. उनके प्रतिद्वंद्वी, भाजपा के बोध सिंह भगत को 35,994 वोट मिले वोट थे. वहीं, 2013 के चुनावों में, पासा पलट गया क्योंकि भाजपा के डॉ. योगेन्द्र निर्मल ने 66,806 वोटों के साथ जीत हासिल की.
2023 से पहले मध्य प्रदेश में 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे. जिसमें कांग्रेस ने सरकार बनाई थी. हालांकि, 2020 में सेनेरियो बदला और सिंधिया के साथ बगावत कर कुछ विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने सरकार बनाई और प्रदेश की 28 सीटों पर उपचुनाव हुए.