रोहित सरदाना मुख्य रूप से हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के रहने वाले थे. उनका हिसार से गहरा नाता रहा...
Trending Photos
नई दिल्ली: बेबाक अंदाज!! बेख़ौफ़ जर्नलिस्ट !! बोलती आंखें! अभिव्यक्ति का बेलौस अंदाज़!! स्क्रीन पर छा जाने वाली गज़ब जादूगरी! बेजान डिबेट में जान भर देने वाली काबिलियत.!! प्राइम टाइम का पर्दा हमेशा उनकी उपस्थिति से चकाचौंध रहा, हमेशा रहेगा. जब-जब प्राइम टाइम डिबेट की बात आएगी, रोहित सरदाना हमेशा बहुत याद किए जाएंगे. उनकी शख्सियत ही कुछ ऐसी थी.
सुबह ही वो मनहूस खबर आई कि आज तक चैनल के एक्जीक्यूटिव एडिटर रोहित सरदाना का कोरोना से निधन हो गया. कोरोना से उबर ही रहे थे कि हार्ट अटैक ने सांसों की डोर छीन ली. रोहित सरदाना ने अपने बेहतरीन साल ज़ी न्यूज चैनल में काम करते हुए भी गुजारे हैं. तब वे प्रिंस के बोरवेल में गिरने के कवरेज से एकदम चर्चित हो गए थे. रंग-ढंग और खबरों में हरियाणवी तुर्रा, रोहित अपने आप में एकदम देसी थे. इतनी ऊंचाई पाने के बाद भी सरल-सहज शख्सियत, कोई दिखावा नहीं. उतनी ही सहजता से साथियों से मिलते.
अपने अध्यापकों और सहयोगियों का बहुत सम्मान और खयाल रखने वाले ज़ी मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के एडिटर दिलीप तिवारी का रोहित सरदाना के साथ लगभग साढ़े 13 साल का सफर रहा. उन्होंने बताया कि रोहित जैसे लोग बिरले होते हैं, जो बिना किसी लाभ हानि की चिंता किए काम में लगे रहते हैं. पत्रकारिता रोहित के लिए पैशन थी, राशन का जरिया नहीं. एंकरिंग में उसका बेलौस अंदाज़, कई बार धीमे से रिपोर्टर की ही चुटकी ले लेना. उसकी एंकरिंग का अंदाज़ बिलकुल ज़ुदा था.
@ZeeNews @Zee_Hindustan @ZEEUPUK @ZeeMPCG @zeesalaamtweet @ZeePunjabHH
काशी, मिट्ठू के पापा, प्रमिला के पति का यूं जाना दिल छलनी कर गया..!!
ऐसे लोग बिरले होते हैं जो बिना लाभ हानि की चिंता किए काम में लगे रहते हैं। पत्रकारिता रोहित के लिए पैशन था राशन नहीं...— Dileep Tiwari (@dileeptiwari23) April 30, 2021
ज़ी मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के एडिटर दिलीप तिवारी बताते हैं कि हमने बहुत लंबी पारी साथ खेली है. असिस्टेंट प्रोड्यूसर से लेकर आउटपुट एडिटर तक का सफर संग रहा. बड़ी खबर पर मेरी रिपोर्टिंग और उसकी धुआंधार एंकरिंग को हम बहुत एन्जॉय करते थे. उसकी दोनों बेटियों काशी और मिट्ठू की अपने पापा को खो देने की बात सोचकर ही मेरा दिल डूबा जा रहा है. रोहित जैसे छोटे भाई को खोने का गम दिल छलनी कर रहा है. अब सितारों पार निश्चित ही भगवान की टीम में अपनी चमक बिखेरेगा रोहित.
साल 2018 में मिला था गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार
रोहित सरदाना (Rohit Sardana) ने करीब 13 वर्षों तक Zee News के लिए पत्रकारिता की. वह 'ताल ठोक के' नाम के डिबेट शो की एंकरिंग करते थे. बाद में वह आज तक चले गए और वहीं कार्यरत थे. आज तक के लिए रोहित 'दंगल' नाम का डिबेट शो होस्ट करते थे. साल 2018 में उनको गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार से नवाजा गया था.
रोहित सरदाना का पारिवारिक बैकग्राउंड
रोहित सरदाना मुख्य रूप से हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के रहने वाले थे. उनका हिसार से गहरा नाता रहा. उन्होंने गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की मास्टर डिग्री हासिल की थी. उनके पिता रतन चंद सरदाना कुरुक्षेत्र में गीता स्कूल के प्रिंसिपल रहे. वहीं उनके बड़े भाई की आर्य मार्केट में कंप्यूटर की दुकान है. रोहित अपने पीछे दो बेटियों काशी और मिट्ठू व पत्नी प्रमिला को छोड़ गए हैं.
अंतिम सांस तक दूसरों की मदद के लिए एक्टिव रहे
रोहित सरदाना अपनी मौत के एक दिन पहले तक लोगों की मदद के लिए ट्विटर पर सक्रिय थे. कोरोना संक्रमितों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन, बेड आदि तक की व्यवस्था के लिए वह लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव थे और लोगों से सहयोग की अपील कर रहे थे. कोरोना से ठीक हो चुके लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने की लगातार अपील कर रहे थे.
ये भी पढ़ें: MP में फिर शुरू हुई 'कोरोना योद्धा' योजना, परिजनों को मिलेगी इतने लाख की सम्मान निधि, CM ने किया बड़ा वादा
WATCH LIVE TV