छिंदवाड़ा जिले में गुमशुदा बच्चों के लिए चलाए जा रहे 'ऑपरेशन मुस्कान' के दौरान पुलिस को 8 साल पहले गुमशुदा बालक का कंकाल मिला है.
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सचिन गुप्ता/छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में गुमशुदा बच्चों के लिए चलाए जा रहे 'ऑपरेशन मुस्कान' के दौरान पुलिस को 8 साल पहले गुमशुदा बालक का कंकाल मिला है. मामला जिले के उमरेठ थाना अंतर्गत आने वाले गांव दबक का है. जिस बालक का कंकाल मिला है वह 8 साल पहले अपने 14 साल के एक दोस्त के साथ घर से निकला था. लेकिन वह फिर वापस नहीं लौटा. तलाश करने पर जब वह नहीं मिला तो मजदूर पिता ने थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस की तमाम छानबीन के बाद भी सफलता हाथ नहीं लगी थी. अब इतने साल बीत जाने के बाद पुलिस को उसका कंकाल मिला है.
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दरअसल पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल 'ऑपरेशन मुस्कान' के तहत गुमशुदा बच्चों के केस निकलवा रहे हैं. इसके लिए एक पुलिस टीम बनाकर बच्चों के पतासाजी की जा रही है. इसी बीच पुलिस को 8 साल पहले गायब हुए बालक की फाइल मिली. उमरेठ की वर्तमान टीआई प्रतीक्षा मार्को ने कई कोशिशें की जो आखिरकार रंग लाई. ऑपरेशन शुरू करने के चंद ही दिनों में गुमशुदा बालक का कंकाल मिल गया.
ऐसे हुई थी मौत
जिस दोस्त के साथ 8 साल पहले मृतक घर से निकला था, पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की. जिसमें दर्दनाक सच सामने आया. मृतक के दोस्त ने बताया कि वह दोनों 4 जुलाई 2013 को गांव के पास आम तोड़ने के लिए एक खेत में गए थे. जहां खेत मालिक ने करंट बिछा रखा था. उसी करंट की चपेट में आकर दम तोड़ दिया. उसका दोस्त डर के मारे वहां से भाग गया और इसके बारे में किसी से कुछ नहीं बताया.
जिसके बाद दूसरे दिन 5 जुलाई 2013 को खेत के मालिक को जब लड़के की लाश अपने खेत में मिली, तो उसने भी पुलिस को सच बताने की जगह लाश को दफन कर दिया. आठ साल बाद लड़के की गुमशुदगी की राज जब सबके सामने आया तो सबके होश उड़ गए. जिसकी परिवार वाले तलाश करते रहे वह आठ साल पहले ही मर चुका था. खेत के मालिक की निशानदेही पर बालक के कंकाल को बरामद कर, उसका डीएनए माता पिता के डीएनए से मैच करवाया जा रहा है. फिलहाल पुलिस ने खेत मालिक को गिरफ्तार कर लिया है.
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