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30 साल में बसाया इतिहासः चलाते हैं ज्वेलरी की दुकान, पोटली में छुपा रखी है 180 देशों की करंसी

पिछले 30 सालों में उन्होंने सात महाद्वीप के 125 देशों की करंसी और 180 देशों के सिक्के जमा किए.

इकट्ठा किए 180 देशों के सिक्कों

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इकट्ठा किए 180 देशों के सिक्कों

छत्तीसगढ़ निवासी सुरेश कुमार चोपड़ा कांकेर जिले में रहते हैं. उन्हें ऐतिहासिक और अलग-अलग तरह की करंसी और सिक्के इकट्ठे करने का शौक है. इसी शौक के चलते पिछले 30 सालों में उन्होंने सात महाद्वीप के 125 देशों की करंसी और 180 देशों के सिक्के जमा किए. इतना ही नहीं उनके पास 5वीं सदी से लेकर अब तक आई कई दुर्लभ मुद्राओं का कलेक्शन भी है.  

अब भी जारी है जुनून

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अब भी जारी है जुनून

सुरेश बताते हैं कि वह प्राचीन सिक्के एकत्रित करने को लेकर जुनूनी हैं. उनके ऐतिहासिक कलेक्शन में मुगल और अंग्रेजों के जमाने के तांबा, पीतल, कांसा और चांदी के सिक्के भी हैं. इनमें अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस समेत कई अन्य देशों की करंसी शामिल हैं. 

ये सिक्के हैं सबसे खास

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ये सिक्के हैं सबसे खास

इनमें सबसे खास पांचवीं सदी से लेकर जॉर्ज पंचम के समय का एक रुपए का सिक्का है. उनके पास एडवर्ड के कार्यकाल का एक पैसे का सिक्का भी है, जिसे लकी सिक्का भी कहा जाता है, जो दुर्लभ श्रेणी में आता है.

ज्वेलरी की दुकान चलाते हैं सुरेश

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ज्वेलरी की दुकान चलाते हैं सुरेश

कांकेर के सुरेश शहर में ज्वेलरी की छोटी सी दुकान चलाते हैं. उनकी दुकान देखकर अंदाजा लगाना मुश्किल है कि उनके पास ऐतिहासिक सिक्के भी होंगे, लेकिन जैसे ही वो अपने सिक्कों की पोटली खोलते हैं, हर कोई उसे देखकर हैरान रह जाता है. उनके पास 30 सालों की मेहनत में 180 देशों के सिक्कों का दुर्लभ खजाना देखने को मिलता है.